गुजरात में कोरोना के लगातार बढ़ते हुए मामलों को लेकर राज्य सरकार हरकत में आ गई है. हाइकोर्ट की फटकार के बाद पिछले 15 दिन में कई सारे निर्णय भी लिए गए हैं.
अब तक किसी भी अस्पताल में प्रवेश से पहले RT-PCR परीक्षण की पॉजिटिव रिपोर्ट आवश्यक थी. लेकिन अब राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने RT-PCR रिपोर्ट के बिना संदिग्ध लक्षण होने पर उपचार करने का आदेश दिया है.
यही नहीं, 108 या निजी वाहनों में आने वाले मरीजों को भी अस्पताल में भर्ती करना होगा.
इसके अलावा अहमदाबाद ऑप्टिकल एसोसिएशन की उस मांग को भी मान लिया गया है जिसमें उन्होंने राज्य के गृहमंत्री प्रदसिंह जडेजा से चश्मे की दुकानों को चालू रखने की अनुमति मांगी थी.
सरकार ने राज्य में चश्मे की दुकानों को कोविड -19 के दिशानिर्देश के संचालित करने की अनुमति दी है. गौरतलब है कि ये दुकानें पैरामेडिकल के तहत आती हैं और अन्य राज्यों में इन दुकानों को चालू रखने की अनुमति प्राप्त है.
गुजरात में कोविड की वजह से कई सेवाएं बंद चल रही हैं. इनमें बाग-बगीचे, जिम, स्विमिंग पूल, वाटर पार्क, सैलून, स्पा, पब्लिक ट्रान्सपोर्ट शामिल हैं.
दूसरी और राज्य में राहत की खबर ये है कि कोविड के केसों में पिछले तीन दिन से मामूली गिरावट दर्ज की गई है. राज्य में लगातार दूसरे दिन नए मामलों की तुलना में ठीक होने वाले रोगियों की संख्या बढ़ी है.
बृहस्पतिवार को रिकॉर्ड 13,021 लोगों ने कोरोना को हराया. 5 मई को 74 दिनों के बाद ठीक होने वाले रोगियों की संख्या नए मामलों की संख्या से अधिक थी. पिछले 24 घंटों में 12 हजार 545 नए मामले सामने आए हैं.
पिछले एक सप्ताह से यानी सात दिनों से राज्य में हर दिन 10 हजार से अधिक रोगियों ने कोरोना को हराया है. राज्य में रिकवरी दर 75.92 प्रतिशत हो गई है.