RIL: कोरोना के कहर के बीच सरकार ही नहीं निजी कंपनियों ने भी दिल खोल दिए हैं. इस कड़ी में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने बड़ी पहल की है.
कंपनी कोरोना से कर्मचारियों की जान जाने पर परिवार को अगले 5 साल तक तनख्वाह देगी. वहीं, 10 लाख रुपये तक परिवार को एकमुश्त आर्थिक मदद भी करेगी. इसके अलावा, कंपनी ग्रैजुएशन तक बच्चों की पढ़ाई और परिवार का खर्च उठाएगी.
कंपनी बच्चे के ग्रैजुएट होने तक कंपनी पति या पत्नी, मां-बाप और बच्चों के हॉस्पिटालाइजेशन कवरेज का 100 फीसदी प्रीमियम का भुगतान करेगी.
इसके अलावा, कंपनी कर्मचारी की मौत पर एकमुश्त 10 लाख रुपये देगी. वहीं, जो कर्मचारी पेरोल पर नहीं है और कोविड-19 से उनकी मृत्यु हो गई है तो उनके परिवार को 10 लाख रुपये देगी. यह रकम रिलायंस फाउंडेशन की तरफ से दी जाएगी. .
इसके अलावा, जिन कर्मचारियों को कोरोना वायरस हुआ या उनके परिवार में किसी को संक्रमण हुआ है तो वे शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तक रिकवर होने तक Covid-19 लीव ले सकते हैं.
बता दें कि यह लीव पॉलिसी यह सुनिश्चित करने के लिए बढ़ाई गई है कि रिलायंस के सभी कर्मचारी पूरी तरह से ठीक होने या अपने COVID-19 पॉजिटिव परिवार के सदस्यों की देखभाल करने पर फोकस कर सकें.
महामारी की वजह से अनाथ हुए बच्चों की मदद के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते दिनों पीएम केयर फंड से कई योजनाओं का ऐलान किया है.
कोरोना से अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों की शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य तक में मोदी सरकार मदद करेगी. कोरोना महामारी में माता-पिता गंवाने वाले बच्चों की ‘पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन’ (PM Cares For Children) योजना के तहत मदद की जाएगी.
सरकार की ओर से अनाथ बच्चों को मुफ्त शिक्षा दी जाएगी और उनका हेल्थ बीमा भी किया जाएगा. प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि कोरोना की वजह से अनाथ हुए बच्चों को 18 वर्ष होने पर मासिक भत्ता दिया जाएगा और 23 वर्ष होने पर पीएम केयर्स फंड से 10 लाख रुपये दिए जाएंगे.
पीएमओ ने कहा कि कोरोना की वजह से अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों को 18 साल की अवधि तक पांच लाख का मुफ्त हेल्थ बीमा भी मिलेगा.
साथ ही ऐसे बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए एजुकेशन लोन दिलाने में मदद की जाएगी और इसका ब्याज पीएम केयर्स फंड से वहन किया जाएगा.