शोधकर्ताओं ने एक नया उपचार विकसित किया है, जिसके जरिए शरीर में कोविड-19 (Covid-19) और फ्लू जैसे वायरस को दोबारा पैदा होने से रोका जा सकता है.
इस उपचार में दवा को एक नेबुलाइजर की मदद से फेफड़ों तक पहुंचाया जा सकता है और इसका उपयोग करना इतना आसान है कि मरीज इसे घर में खुद ही इस्तेमाल कर सकता है.
शोधकर्ताओं ने कहा कि यह नया उपचार कोरोना वायरस (Covid-19) के उस स्वरूप के खिलाफ भी प्रभावकारी जान पड़ता है जोकि बेहद तेजी से संक्रमण फैलाने में सक्षम है.
इस उपचार के बारे में पत्रिका ”नेचर बायोटेक्नोलॉजी” (Nature Biotechnology) में विस्तार से बताया गया है जोकि सीआरआईएसपीआर तकनीक पर आधारित है.
अमेरिका के जॉर्जिया प्रौद्योगिकी संस्थान और इमोरी विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने सीएएस13ए प्रोटीन के लिए कोड तय करने के वास्ते तकनीक का उपयोग किया जोकि आरएनए जेनेटिक कोड के भागों को समाप्त करता है.
आरएनए जेनेटिक कोड की मदद से ही वायरस फेफड़ों की कोशिकाओं में प्रजनन करते हैं.
शोधकर्ता फिलिप सेंटेनजेलो ने कहा, ”हमारी दवा में आपको केवल एक वायरस से दूसरे वायरस की ओर जाने का ही बदलाव करना होगा। हमें आरएनए के केवल एक अनुक्रम को बदलना होगा.”
उन्होंने कहा, ” हम फ्लू से सार्स-सीओवी-2 की तरफ गए, जोकि कोविड-19 (Covid-19) बीमारी का कारण है. वे बिल्कुल अलग वायरस हैं। हम एक मार्ग को बदलकर बेहद तेजी से ऐसा करने में समर्थ हैं.”
शोधकर्ताओं ने कहा कि इस उपचार का परीक्षण जानवरों पर किया गया जोकि बिल्कुल ठीक हो गए.