फार्मा कंपनी जुबिलेंट फार्मोवा ने ऐलान किया है कि उनकी सब्सिडियरी जुबलेंट फार्मा (Jubilant Pharma) उन्हें कोरोना के इलाज में इस्तेमाल हो रही दवा रेमडेसिविर के फॉर्मूले को गोली या कैप्सुल में तैयार करने की रिसर्च में सफलता मिली है. ये दवा फिलहाल इंजेक्शन के तौर पर ही लगाई जा रही है. रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remdesivir) की डिमांड इतनी बढ़ गई है कि कई राज्यों में इसकी भारी कमी हो गई है और उन्होंने केंद्र से मदद मांगी है. कंपनी ने ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से इसके आगे के अध्ययन के लिए मंजूरी मांगी है.
यही वजह रही कि शेयर बाजार में बेहद कमजोर सेशन के बावजूद जुबिलेंट फार्मा के शेयर 6.44 फीसदी उछलकर 770.7 रुपये पर पहुंचे. कंपनी के शेयर मका वॉल्यूम औसत के मुकाबले आज 8.55 गुना ज्यादा था.
स्टॉक एक्सचेंज BSE को दी जानकारी में कंपनी ने कहा है कि जुबिलेंट फार्मा (Jubilant Pharma) ने भारत में जानवरों और स्वस्थ मानव स्वयंसेवकों पर रेमडेसिविर (Remdesivir) के फार्मूले के ओरल डोज (Oral Dose) उपयोग का अध्ययन सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. जुबिलेंट ने भारत के दवा रेगुलेटर DCGI इस दवा के मौखिक उपयोग के संबंध में अतिरिक्त अध्ययन की अनुमति मांगी है.
कंपनी का कहना है कि यो ओरल फॉर्मूलेशन यानी कैप्सुल या गोली के रूप में दवा ज्यादा किफायती होगी, और इसका इस्तेमाल भी आसानी से हो सकेगा जिससे कोविड-19 की इलाज में मदद मिलेगी. जुबिलेंट फार्मा ने कहा है कि ये ओरल ट्रीटमेंट 5 दिन तक चलने का अनुमान है – जैसा कि अभी भी रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए है.
रेमडेसिविर (Remdesivir) एक मात्र ऐसी दवा है जिसे अमेरिकी रेगुलेटर से कोरोना के गंभीर मामलों में इस्तेमाल में लाए जाने की मंजूरी है.
इस दवा के कैप्सुल या गोली के तौर पर उपलब्ध होने से इंजेक्शन बनाने वाले प्लांट पर दबाव कम होगा और ये दवा ज्यादा बड़े पैमाने पर मुहैया कराई जा सकेगी.
कंपनी (Jubilant Pharma) ने मई 2020 में जिलैड साइंसेस के साथ नॉन-एक्स्लूसिव करार कर रेमडेसिविर दवा का उत्पादन करने का करार किया था. इस दवा को वे भारत समेत 127 देशों में बेच रहे हैं. वहीं जून 2020 को कंपनी को DCGI से रेमडेसेविर के 100 मिलिग्राम प्रति वायल वाले इंजेक्शन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई थी.
जुबिलेंट फार्मोवा के चेयरमैन श्याम एस भारतिया का कहना है कि इस अहम समय में इसे मंजूरी मिलने से फॉर्मूलेशन का आसान तरीका लोगों को मिलेगा और साथ ही कोरोना के इलाज में बढ़ती दबाव को भी साहारा दिया जा सकेगा.