गुजरात सरकार गरीब और निम्न मध्यम वर्ग के लोगों के लिए मुख्यमंत्री अमृतं (Mukhyamantri Amrutum Yojana) (मां- Ma) और “मां वात्सल्य” योजना चला रही है. इस योजना के तहत कोरोना के इलाज के लिए राज्य सरकार ने खर्च की सीमा तय कर दी है.
कोविड का इलाज करा रहे जिस मरीज के पास मां कार्ड (Ma Card) है उसे प्रतिदिन के 5,000 रुपये के हिसाब से 10 दिन के 50,000 रुपये मिलेंगे. इसका लाभ मरीज को 10 जुलाई 2021 तक ही मिलेगा.
सरकार की इस घोषणा से अब कोइ भी कोविड मरीज सरकारी मान्यता प्राप्त किसी भी निजी अस्पताल में कोविड का इलाज करवा सकेगा.
क्या है मुख्यमंत्री अमृतं (मां) और मां वात्सल्य योजना?
इस योजना के अंतर्गत लाभार्थियों के पंजीकरण के बाद लेबोरेटरी, ऑपरेशन, दवाएं, मरीज के लिए भोजन और अन्य सेवाएं मुफ्त में मुहैया कराई जाती हैं.
मरीज की यात्रा के शुल्क का भी (300 रुपये) अस्पताल द्वारा भुगतान किया जाता है. इस योजना के तहत लाभार्थियों को मिलने वाला निश्चित खर्च सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त अस्पताल को दिया जाता है.
“मां” (Ma Card) और “वात्सल्य” कार्ड वाले लाभार्थी उपचार के लिए मान्यता प्राप्त अस्पताल जाकर लाभ उठा सकते हैं.
स्वास्थ्य बीमा आधारित हैं योजनाएं
मुख्यमंत्री अमृतम “मां” (Ma Card) और मां वात्सल्य योजना, योजना स्वास्थ्य बीमा पर आधारित हैं, इसमें कोई अन्य बीमा कंपनी शामिल नहीं है.
गंभीर बीमारी के लिए, परिवार को सालाना 2,00,000 रुपये तक मुफ्त उपचार दिया जाता है. इसके लिए आपका नाम बीपीएल सूची में होना जरूरी है, आप परिवार के पांच लोगों के नाम पंजीकृत करा सकते हैं और मां कार्ड (Ma Card) प्राप्त कर सकते हैं.
2.5 लाख रुपये से कम आमदनी वालों को मिलेगा कार्ड
अगर आपकी सालाना आय 2,50,000 रुपये या इससे कम है तो आप जिला कलेक्टर, जिला विकास अधिकारी, उप कलेक्टर या क्षेत्रीय अधिकारी, उप जिला विकास अधिकारी, तालुका मामलतदार / शहरी मामलतदार, तालुका विकास अधिकारी, उप मामलतदार जैसे अधिकारियों से इनकम सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकते हैं.
आय सर्टिफिकेट प्राप्त करने के बाद, आप परिवार के पांच लोगों के नाम पंजीकृत करा सकते है और मां वात्सल्य कार्ड (Ma Card) प्राप्त कर सकते है, जिसके लिए आपको नजदीकी तालुका कियोस्क का अपॉइंटमेंट लेना होगा.