महामारी पर काबू पाने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है. इसी क्रम में सरकार एक नई पहल लेकर आई है. यह पहल उभरती स्वास्थ्य जरूरतों को पूरा करने के लिए मेक-इन-इंडिया ऑक्सीजन (Oxygen) कॉन्सट्रेटर से संबंधित महत्वपूर्ण घटकों और नवाचारों पर अनुसंधान और विकास को प्रेरित करेगी. उम्मीद है, कोविड महामारी से निपटने में सरकार की यह पहल एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी.
आपको बता दें, विश्व स्वास्थ्य संगठन की निर्धारित आवश्यक दवाओं की सूची में होने के बावजूद ऑक्सीजन (Oxygen)एक कीमती वस्तु बनी हुई है. चिकित्सा आपदा की स्थिति में ऑक्सीजन की कमी सबसे बड़ा संकट बनकर सामने आई है.
इस पहल के तहत विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (एसईआरबी) ने शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों/प्रयोगशालाओं, विश्वविद्यालयों और चिकित्सा संस्थानों, स्टार्ट-अप्स और उद्योगों के प्रस्तावों को आमंत्रित किया है. एसईआरबी, ऑक्सीजन कॉन्सट्रेटर (व्यक्तिगत/वहनीय) के विकास की जांच और नवाचार करने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) का एक स्वायत्त निकाय है.
ऑक्सीजन पृथक्करण, वाल्व और तेल-रहित कंप्रेसर, बेहतर प्रदर्शन के लिए डिजाइन में सुधार, एआई-अनुकूलित ऑक्सीजन प्रवाह उपकरण, ऑक्सीजन-स्तर मापने के लिए आईओटी सेंसर और इसी तरह के महत्वपूर्ण घटकों के डिजाइन, विकास और निर्माण में तेजी लाने के लिए ये प्रस्ताव आमंत्रित किए गए हैं.
उद्योगों के वैज्ञानिकों को बतौर सह-अन्वेषक अकादमिक/अनुसंधान संस्थानों के जांचकर्ताओं के रूप में इस पहल से जुड़ना चाहिए. व्यवसायीकरण के लिए अग्रणी अनुसंधान और विकास के संबंध में उद्योग भागीदारों को आर्थिक रूप से मदद के लिए प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी) द्वारा डीएसटी को प्रस्ताव भेजे जाएंगे. आपको बता दें, इस परियोजना की अवधि एक वर्ष होगी.
यह पहल अस्पताल के वार्डों और आईसीयू में पूरक ऑक्सीजन प्रदान करने के नए दृष्टिकोण पर काम कर रहे स्वदेशी कॉन्सट्रेटर की जरूरत को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करेगी. साथ ही पहल होम आइसोलेशन के मरीजों के लिए एक सस्ते चिकित्सकीय ऑक्सीजन के विकल्प के रूप में सहायता करने का प्रयास करेगी.
डीएसटी के अधीन राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी उद्यमिता विकास बोर्ड (एनएसटीईडीबी) भी एक ऐसा ही विशेष अभियान चला रहा है, जिसके तहत महामारी के संकट की मौजूदा चुनौती से निपटने में देश को घरेलू समाधान तथा अभिनव उत्पाद मिल सकें. निधि 4 कोविड 2.0 के तहत कंपनियां आवेदन दे सकती हैं.
इसके जरिये भारत में पंजीकृत उन पात्र स्टार्ट-अप और कंपनियों को आर्थिक मदद दी जायेगी, जो ऑक्सीजन नवाचार, आसानी से लाने-ले जाने वाले उपकरण, जरूरी मेडिकल सहायक सामग्री, निदान संबंधी समाधान और कोविड-19 के गहरे असर को कम करने का समाधान निकाल सकें.
विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड द्वारा आमंत्रित प्रस्ताव 15 जून, 2021 तक या इससे पहले एसईआरबी ऑनलाइन पोर्टल www.serbonline.in के माध्यम से निर्धारित प्रारूप में जमा किया जाना चाहिए.