कोविड-19 के इलाज में मालनुपिराविर (Molnupiravir) दवा कितनी कारगर है इसका क्लिनिकल ट्रायल करने के लिए 5 फार्मा कंपनियां एक साथ आई हैं. इस ओरल एंटीवायरल दवा के कोविड-19 के हल्के लक्षणों वाले मरीजों के इलाज में असर के क्लिनिकल ट्रायल को करने के लिए डॉ रेड्डीज लैब, सिप्ला, एमक्योर फार्मा, सन फार्मा और टॉरेंट फार्मा ने एकजुट होकर काम करने का फैसला लिया है.
इन पांचों फार्मा कंपनियों ने एक साथ कोलैबोरेशन एग्रीमेंट किया है जहां पांचों जॉइंट स्पॉन्सर होंगी और देशभर में इस दवा के क्लिनिकल ट्रायल को मॉनिटर करेंगी. इस विषय में सिप्ला और डॉ रेड्डीज लैब ने मार्केट रेगुलेटर को जानकारी सौंपी है.
सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) की बनाई सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी (SEC) के दिशानिर्देश के मुताबिक डॉ रेड्डीज इस दवा का क्लिनिकल ट्रायल अपने एक प्रोडेक्ट के साथ करेगी और अन्य 4 फार्मा कंपनियां इसके साथ अपने प्रोडेक्ट के इस्तेमाल की जांच करेंगी.
ये क्लिनिकल ट्रायल उन मरीजों पर किया जाएगा जिन्हें कोविड-19 के हल्के लक्षण हैं और वे अस्पताल में भर्ती नहीं हैं. देशभर में जून से सितंबर के बीच इस दवा का क्लिनिकल ट्रायल होगा. जानकारी के मुताबिक कुल 1,200 मरीज इसमें भाग लेंगे.
कंपनियों ने कहा है कि किसी क्लिनिकल ट्रायल के लिए भारतीय फार्मा कंपनियों के बीच इस तरह का करार पहली बार देखने को मिल रहा है और इसका लक्ष्य है कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई एक इलाज के लिए एक और कारगर दवा पाई जा सके.
क्लिनिकल ट्रायल के सफल होने पर हरेक कंपनी Molnupiravir के उत्पादन और सप्लाई के लिए रेगुलेटर से अलग-अलग मंजूरी लेगी.
Molnupiravir एक ऐसी ओरल एंटीवायरल दवा है जो SARS-CoV-2 जैसे कई RNA आधारित वायरस को बढ़ने से रोकती है.
फिलहाल इस दवा पर फार्मा कंपनी MSD और रिजबैक बायोथेरेपेटिक्स साथ मिलकर शोध कर रहे हैं और विश्वभर में कोविड-19 पॉजिटिव मरीजों पर इसका तीसरे चरण का ट्रायल चल रहा है. ये वो मरीज हैं जो अस्पताल में भर्ती नहीं है.
इस साल मार्च से अप्रैल के बीच इन पांचों फार्मा कंपनियों ने MSD (मर्क शार्प डोह्म) के साथ Molnupiravir की भारत में मैन्युफैक्चरिंग और बिक्री के लिए अलग-अलग लाइसेंसिंग करार किया था.
गौरतलब है कि शेयर बाजार के बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी मं दबाव के बावजूद फार्मा इंडेक्स हरे निशान में बंद हुआ. ये लगातार तीसरा सेशन रहा जब निफ्टी फार्मा तेजी के साथ बंद हुआ. मार्च के बाद से लगातार इस इंडेक्स में मंथली आधार पर मजबूती देखने को मिली है. जून में ही इंडेक्स 2 फीसदी चढ़ चुका है.