COVID-19 Impact: महाराष्ट्र सरकार कोविड-19 के चलते अनाथ हुए बच्चों की सुरक्षा के लिए प्रत्येक जिले में एक कार्यबल का गठन करेगी.यह जानकारी एक अधिकारी ने दी.
राज्य सरकार की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि कार्यबल का नेतृत्व जिलाधिकारी करेंगे और इसमें जिले के निकायों के आयुक्त, पुलिस प्रमुख, ग्रामीण स्वास्थ्य अधिकारी आदि शामिल होंगे.
महाराष्ट्र की महिला एवं बाल विकास मंत्री यशोमति ठाकुर ने कहा कि कोविड-19 के कारण बच्चों का अनाथ होना एक सामाजिक समस्या बन रही है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि उनका पालन-पोषण हो, उन्हें सुरक्षा और शिक्षा भी मिले.
कोरोना महामारी की वजह से अनाथ हो रहे बच्चों की सुरक्षा और भविष्य की चिंता को लेकर मनी9 ने भी अपने संपादकीय में इस मुद्दे को उठाया था.
समाज और अर्थव्यवस्था में तबाही पैदा करने के अलावा इस महामारी ने बड़ी संख्या में बच्चों के सिर से मां और बाप का साया भी छीन लिया है. इनमें बच्चों से लेकर नवजात शिशु तक शामिल हैं.
इनमें से कुछ बच्चे भाग्यशाली हैं कि उनकी देखभाल करने के लिए रिश्तेदार मौजूद हैं. लेकिन, बाकी बच्चों के साथ ऐसा नहीं है और इनके जीवन के लिए मुश्किलें पैदा हो सकती हैं.
मनी9 के संपादकीय में हमने इस बात पर गौर करने के लिए कहा था कि इसी के साथ ये ही अहम वक्त है जबकि पेरेंट्स को अपने बच्चों के वित्तीय भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए योजना बनानी चाहिए. हालांकि, पैसे मां-बाप की कमी की भरपाई नहीं कर सकते हैं, लेकिन इससे बच्चों के बढ़ने के वक्त की जरूरतें पूरी हो सकती हैं.
पेरेंट्स को इस लिहाज से योजना बनानी चाहिए और अपने निवेश के लिए नॉमिनी तय करने चाहिए.
एक्सपर्ट्स अक्सर आपको आपकी सैलरी के कम से कम 10 गुने का टर्म प्लान लेने की सलाह देते हैं जिसमें आपका घर और अन्य लाइबिलिटीज कवर हो सकें. पेरेंट्स को जितना जल्द मुमकिन हो कर्ज से मुक्त हो जाना चाहिए.
आखिर में इन्हें अपने लिए एक घर भी खरीद लेना चाहिए. ये सभी आगे चलकर आपके बच्चे को वित्तीय रूप से सुरक्षित बनाते हैं.