झारखंड में टीकों की कमी, 18 से 44 साल के लोगों के लिये तीन दिन का भंडार बचा

Vaccine Supply: मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में चार करोड़ खुराकों की जरूरत थी और उसे केवल 40 लाख खुराकें मिलीं, जिसकी वजह से इसकी किल्लत हो गई.

Free Vaccination And Food, vaccination, covid, central govt

Picture: PTI

Picture: PTI

Vaccine Shortage: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को केन्द्र पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य कोविड टीकों की भारी किल्लत का सामना कर रहा है और केवल तीन दिन का भंडार बचा है.

सोरेन ने मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि केन्द्र महामारी की दूसरी लहर के बारे में पहले से जानकारी होने के बावजूद राज्यों को सावधान करने और जरूरी कदम उठाने में नाकाम रहा.

उन्होंने कहा, ”भारत सरकार संक्रमण (दूसरी लहर) के बारे में जानती थी लेकिन उसने राज्यों को निर्देश देने में बहुत देरी की और अंतत: पूरा देश इससे प्रभावित हुआ.”

सोरेन ने कहा, ”हमें सुझाव दिया गया था कि देश में कहीं लॉकडाउन नहीं होना चाहिये. लेकिन संक्रमण की दर बढ़ते देख राज्यों ने अपने अपने हिसाब से निर्णय लेने शुरू कर दिये. आज (प्रत्येक राज्य में) आंशिक अथवा पूर्ण लॉकडाउन लागू है.”

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में चार करोड़ खुराकों की जरूरत थी और उसे केवल 40 लाख खुराकें मिलीं, जिसकी वजह से इसकी किल्लत हो गई.

हालांकि उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने आयात के जरिये भी टीकों की खरीद की गंभीर कोशिशें कीं.

सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार जल्द ही लॉकडाउन बढ़ाने के बारे में निर्णय लेगी क्योंकि राज्य के 24 में से 23 जिले ओडिशा, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, या छत्तीसगढ़ के साथ सीमा साझा करते हैं, जो महामारी से बुरी तरह प्रभावित हैं.

उन्होंने कहा कि प्रतिदिन रेलवे के जरिये लगभग 20 हजार लोग राज्य में आ रहे हैं और वायरस के प्रकोप को रोकने के लिये झारखंड सरकार ने ग्रामीण इलाकों में युद्धस्तर पर जांच करने का निर्णय लिया है.

सोरेन ने कहा, ”जहां तक मृत्युदर की बात है तो हमारे यहां देशभर में सबसे ज्यादा मौतें हो रही हैं. उत्तर प्रदेश और बिहार में मृत्यु के कम मामले सामने आ रहे हैं लेकिन इस बात में कितनी सच्चाई है, आप इसका आकलन कर सकते हैं. कई राज्य आंकड़ों से छेड़छाड़ कर रहे हैं लेकिन हमारी सरकार की प्राथमिकता पूरी पारदर्शिता सुनिश्चित करना और वायरस की रोकथाम के लिये हर संभव कदम उठाना है. जब तक राज्य में मौत का एक भी मामला सामने आता रहेगा, हम इसे महामारी का चरम मानते रहेंगे.”

Published - May 24, 2021, 07:20 IST