Coronavirus: कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने शुक्रवार को एम्स अस्पताल व ट्रामा सेंटर में स्वास्थ्य सुविधाओं का निरीक्षण किया. इस मौके पर उन्होंने अस्पताल के डॉक्टरों की समस्याएं भी सुनी और कमियों को दूर करने के भी निर्देश जारी किए.
निरीक्षण के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत में डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि पिछले साल के अनुभव के साथ हमारे पास किसी चीज की कमी नहीं है, अनुभव भी पर्याप्त है और टेस्टिंग की सुविधा के साथ इलाज की सुविधा भी मौजूद है. उन्होंने कहा कि पिछले साल के मुकाबले इस साल भले ही कोरोना (Coronavirus) के मरीजों की संख्या बढ़ रही है लेकिन पिछले साल के मुकाबले डॉक्टरों के पास ज्यादा अनुभव और बीमारी को अच्छी तरह समझ चुके हैं. इसी आत्मविश्वास से हम इसी बीमारी को एक बार फिर से हराएंगे.
Due to spike in COVID-19 cases, companies manufacturing Remdesivir drug have been asked to ramp up production. Union Health Minister @drharshvardhan assured that strict action will be taken against those who are involved in black marketing of the drug & other malpractices. pic.twitter.com/54oIG113ns
— Prasar Bharati News Services पी.बी.एन.एस. (@PBNS_India) April 16, 2021
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि ट्रामा सेंटर में कोरोना बेड की संख्या 266 है, इनमें से 253 बेड पर मरीज हैं. हमने यहां 70 बेड और बढ़ाने का निर्णय लिया है. झज्जर में नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट में कोरोना के लिए 500 बेड है. वहां 100 और बेड बढ़ाने का फैसला लिया गया है.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि देश के 54 जिलों और 44 जिलों ने क्रमशः पिछले 7 दिनों और पिछले 28 दिनों में किसी भी नए COVID -19 मामलों (Coronavirus) की रिपोर्ट नहीं की है. चिकित्सा ऑक्सीजन की उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए भी निर्णय लिया गया है. इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि शनिवार को देश के अधिकतम कोविड -19 मामलों वाले राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ बैठक करेंगे और सोमवार को देश के सभी AIIMS अस्पतालों के साथ आभासी बैठक करेंगे, जिसमें सुविधाओं के विस्तार पर चर्चा की जाएगी.
केंद्रीय मंत्रालयों को लिखी चिट्ठी में स्वास्थ्य सचिव ने दोहराया है कि कोरोना के बढ़ते मामलों (Coronavirus) के बीच मंत्रालयों की ओर से सहयोग की जरूरत है. मंत्रालयों, विभागों और सरकारी कंपनियों के तहत आने वाले अस्पतालों को भी आम लोगों के इलाज के लिए इस्तेमाल में लाया जाए. ऐसे अस्पताल किस ब्लॉक, वॉर्ड या जिलों में है ऐसी सभी जानकारी लोगों और राज्यों को मुहैया कराई जाई. साथ ही उनमें इलाज के लिए जिस व्यक्ति से संपर्क किया जा सकता है उनकी जानकारी भी साझा की जाए.