कोरोना संक्रमण भारत में फैले एक साल से अधिक का वक्त हो गया है. जब से कोरोना महामारी भारत मे आई है तब से इम्युनिटी बूस्टर आयुर्वेदिक दवाइओं की खपत तेज गति से बढ़ी है. इसी को ध्यान में रखते हुए गुजरात में कोरोना वायरस के संक्रमण को नियंत्रित करने और नागरिकों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने 60 हजार किलो आयुर्वेदिक दवा और होम्योपैथी दवा की 10 लाख खुराक राज्य भर में वितरित करने का फैसला लिया है. इसके तहत राज्य के नागरिकों को 29,700 किलो अमृत काढ़ा, 30 हजार किलो गिलोय घनवटी और 10 लाख आर्सेनिक 30 (होम्योपैथी) टैबलेट्स का लाभ मिलेगा.
आयुर्वेद पर जोर
राज्य में नागरिकों को अब तक 10.77 करोड़ काढ़ा और 6.35 करोड़ गिलोय घनवटी वितरित की जा चुकी है. राज्य के मुख्यमंत्री ने आयुर्वेदिक चिकित्सा के माध्यम से राज्य के नागरिकों की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर कोरोना के खिलाफ युद्ध जीतने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है.
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में राज्य सरकार ने आयुर्वेद – होम्योपैथिक दवाओं को रणनीतिक रूप से जिला-तालुका-ग्राम स्तर पर तलाटी-सरपंच-अशावर्कर बहनों सेवा-उन्मुख संगठनों की मदद से वितरित किया है. मुख्यमंत्री विजयभाई रूपाणी ने स्वास्थ्य विभाग और आयुष आयुर्वेद विभाग से कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई जीतने के लिए व्यापक उपाय करने का आग्रह किया है.
पहले भी दवाइयां बांट चुकी है राज्य सरकार
गुजरात में कोरोना की पहली लहर में भी राज्य के 90 लाख परिवारो में आर्सेनिक 30 की खुराक, 78,000 किलोग्राम अमृत काढ़ा और 85,000 किलोग्राम गिलोय घनवटी का वितरण किया गया था. पिछले साल यानी की 3 मार्च 2020 से 22 अप्रैल 2021 तक, 10.77 करोड़ अमृत काढ़ा, 82.70 लाख गिलोय घनवटी और 6.35 करोड़ आर्सेनिक 30 लोगों की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए वितरित की जा चुकी है.