कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर देश में ऑक्सीजन (oxygen) की उपलब्धता को बढ़ाने के लिए केन्द्र सरकार ने 30 ऐसे उद्योगों की पहचान की है, जहां ऑक्सीजन का उत्पादन किया जा सकता है.
गौरतलब है कि दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में अस्पतालों में ऑक्सीजन (oxygen) की भारी किल्लत महसूस की जा रही है. अस्पतालों को उनकी जरूरत के हिसाब से ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं हो रही है.
ऐसे में सरकार अपनी तरफ से युद्धस्तर पर देश में ऑक्सीजन (oxygen) का उत्पादन बढ़ाने से लेकर इसके इंपोर्ट जैसे सभी कदम उठा रही है. इसके अलावा बड़े पैमाने पर देश में ऑक्सीजन कॉन्सनट्रेटर्स भी आयात किए जा रहे हैं.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) डेटाबेस के मुताबिक, 30 उद्योग नाइट्रोजन संयंत्र वाले हैं जिससे ऑक्सीजन का उत्पादन हो सकता है. सीपीसीबी ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों (एसपीसीबी) की मदद से ऐसे संभावित औद्योगिक इकाइयों और विशेषज्ञों के साथ इस बारे में परामर्श किया है.
निकटतम अस्पताल में स्थानांतरित कर सकते हैं संयंत्रों को
पर्यावरण मंत्रालय के मुताबिक, अभी तक कुल 30 उद्योगों की पहचान की गई है और मेडिकल ऑक्सीजन (oxygen) के उत्पादन के लिए नाइट्रोजन संयंत्रों को संशोधित करने के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं. इनमें से कुछ संयंत्रों को ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए निकट के अस्पतालों में स्थानांतरित किया जा सकता है और कुछ अन्य संयंत्र, जिन्हें स्थानांतरित करना संभव नहीं है, अपने स्थान पर ही ऑक्सीजन (oxygen) का उत्पादन कर सकेंगे.
बता दें, हाल ही में मैसर्स यूपीएल लिमिटेड ने जियोलाइट आण्विक छलनी का उपयोग करके प्रति घंटा 50 एनएम की क्षमता वाले एक नाइट्रोजन संयंत्र को ऑक्सीजन के उत्पादन के लिए संशोधित किया है.
मंत्रालय के मुताबिक, इस संयंत्र को 4-5 दिन में स्थापित किया जा सकता है, जबकि नए ऑक्सीजन (oxygen) संयंत्र की स्थापना में कम से कम 3-4 सप्ताह लग सकते हैं.
इसके अलावा, निजी इस्तेमाल के लिए ऑक्सीजन (oxygen) कंसंट्रेटर को विदेश से पोस्ट, कोरियर या ई-कॉमर्स पोर्टल के जरिए मंगाए जाने की मंजूरी दी गई है. इसके लिए कस्टम क्लियरेंस में इसे बतौर ‘गिफ्ट’ छूट दी जाएगी. DGFT ने 31 जुलाई 2021 तक इस तरह के आयात पर छूट दी है.
(इनपुट: हिन्दुस्थान समाचार)