सरकार के राष्ट्रीय टीकाकरण तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) ने कोविड-19 रोधी कोविशील्ड टीके (Covishield) की दो खुराकों के बीच अंतर बढ़ाकर 12-16 हफ्ते करने की सिफारिश की है. कोवैक्सिन की खुराकों के बीच अंतराल में किसी तरह के बदलाव की अनुशंसा नहीं की गई है. समूह ने कहा है कि गर्भवती महिलाओं को कोई भी टीका लगवाने का विकल्प दिया जा सकता है. आधिकारिक सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी.
समूह ने कहा है कि गर्भवती महिलाओं को कोविड-19 का कोई भी टीका लगवाने का विकल्प दिया जा सकता है और स्तनपान करवाने वाली महिलाएं बच्चे को जन्म देने के बाद किसी भी समय टीका लगवा सकती हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के वर्तमान प्रोटोकॉल के मुताबिक कोविड-19 से उबरने के बाद चार से आठ हफ्ते बाद टीका लगवाना चाहिए. इसमें कहा गया है कि गर्भवती एवं स्तनपान करवाने महिलाओं को टीका नहीं लगवाना चाहिए.
सूत्रों ने कहा, ‘‘वास्तविक जीवन के मौजूदा साक्ष्यों, खासकर ब्रिटेन से मिले साक्ष्यों के आधार पर कोविड-19 कामकाजी समूह कोविशील्ड (Covishield) टीके की दो खुराकों के बीच अंतराल को बढ़ाकर 12 से 16 हफ्ते करने पर सहमत हुआ है. कोवैक्सिन की खुराकों के बीच अंतराल में किसी तरह के बदलाव की सिफारिश नहीं की गई है.’’
अभी कोविशील्ड की दो खुराकों के बीच का अंतराल चार से आठ हफ्ते हैं.
यह अनुशंसा ऐसे समय में की गई है जब कई राज्यों ने टीकों की कमी की बात कही है.
घरेलू स्तर पर टीकों की आपूर्ति की कमी और बढ़ती मांग के बीच दिल्ली, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तेलंगाना समेत कई राज्यों ने कोरोना वायरस रोधी टीकों की खरीद के लिए वैश्विक निविदा आमंत्रित करने का फैसला किया है.
एनटीएजीआई की हालिया बैठक के बाद आए ये सुझाव टीकाकरण को देखने वाले कोविड-19 संबंधी राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह को भेजे जाएंगे.
समूह ने कोविड टीकाकरण से पहले टीका लगवाने आए लोगों की नियमित रैपिड एंटीजन जांच करवाने का प्रस्ताव ठुकरा दिया.
सूत्रों ने बताया कि एनटीएजीआई ने यह भी कहा है कि जो लोग कोविड-19 से पीड़ित रह चुके हैं और जांच में उनके सार्स-सीओवी-2 से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है उन लोगों को स्वस्थ होने के बाद छह महीने तक टीकाकरण नहीं करवाना चाहिए.
एनटीएजीआई ने कहा है कि स्तनपान करवाने वाली सभी महिलाएं बच्चे के जन्म के बाद कभी भी टीका लगवा सकती हैं.
वर्तमान के टीकाकरण प्रोटोकॉल में कहा गया है कि चूंकि अभी तक के क्लिनिकल ट्रायल में गर्भवती और स्तनपान करवाने वाली महिलाओं को शामिल नहीं किया गया है अत: उन्हें टीका नहीं लगाया जाना चाहिए.
ऐसे लोग जिन्हें टीके की पहली खुराक लग चुकी है और दूसरी खुराक लगने से पहले यदि वे संक्रमित हो जाते हैं तो उन्हें ठीक होने के बाद अगली खुराक लगवाने से पहले चार से आठ हफ्ते इंतजार करना चाहिए.