Free Movie In Theatre: वैक्सीनेशन को लेकर हॉस्पिटलों में लग रही लंबी कतारों को देखते हुए कोलकाता में हॉस्पिटल और सिनेमाघरों ने एक अनोखा तरीका निकाला है. इसके तहत व्यक्ति अगर वैक्सीनेशन के पहले और बाद में सिनेमाघर में इंतजार करता है, तो उसे मुफ्त मूवी (Free Movie In Theatre) देखने का मौका मिलेगा.
कोलकाता का ऐतिहासिक सिनेमाघर प्रिया सिनेमा, मेडिका सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल के सहयोग से एक वैक्सीन केंद्र में बदल गया है.
सिनेमा हॉल के मालिक अरिजीत दत्ता ने कहा, “मेरा सिंगल स्क्रीन थिएटर अभी बंद है. इसलिए इसका उपयोग लोगों की मदद करने के लिए किया जा सकता है. इससे मरीजों, विशेषकर बुजुर्गों को तनाव और परेशानी में कमी आएगी, जिन्हें उमस भरी स्थिति में या टीकाकरण के लिए भीड़भाड़ वाले स्थानों पर इंतजार करना पड़ता है. सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं. एक बार टीके आने के बाद दरवाजा खुला रहेगा.”
फिल्म को मुफ्त में देखा जा सकता है, लेकिन टीकाकरण के लिए सामान्य शुल्क का भुगतान करना पड़ेगा.
इसके लिए, को-विन पोर्टल के माध्यम से टीकाकरण के लिए एक स्लॉट बुक करना होगा. एक बार अस्पताल से टाइम स्लॉट लेने के बाद, किसी को दी गई तारीख और समय पर थियेटर में आना होगा.
रोगी के आने के बाद, ग्राउंड फलोर पर औपचारिकताएं पूरी हो जाएंगी, तब तक वातानुकूलित थिएटर में लोग आराम से इंतजार कर सकते हैं. सीटों के बीच दूरी बनाकर मूवी देख सकते हैं.
एक बार जब किसी व्यक्ति का नंबर आता है, तो वह सभागार से बाहर निकल जाएगा और वैक्सीन लेगा. वैक्सीन लगवाने के बाद उसे अपनी सीट पर वापस जाना पड़ता है और बाकी मूवी देखनी होती है.
टीके लगवाने वालों को सामान्य रूप से लगभग 30 मिनट तक रुकने के लिए कहा जाता है. एक फिल्म में आमतौर पर 1.5-2 घंटे लगते हैं. इस दौरान हाल ही में कोई हिट बंगाली मूवी दिखाई जाएगी.
मेडिका अधिकारियों ने कहा कि पर्याप्त संख्या में टीके आने के बाद, वे रोगियों को थिएटर में भेजना शुरू कर देंगे.
ई एम बाईपास पर स्थित अस्पताल ने हर दिन 1,000 लोगों को टीका लगाने की योजना बनाई है. अधिकारियों ने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता 45 वर्ष से अधिक आयु वालों को टीका लगाना है.
यदि उनके पास पर्याप्त टीके बचे हैं, तो वे छोटे (18-45 वर्ष) समूह को अपनाएंगे. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, शुक्रवार सुबह तक बंगाल में कुल टीकाकरण करने वालों की संख्या 1.16 करोड़ है.
उनमें से 87.5 लाख को केवल पहली खुराक दी गई है. दोनों खुराक पाने वालों की संख्या लगभग 28.2 लाख थी.