देशभर में कोरोना का तांडव इस तेजी से फैला है कि अब तक 1.5 करोड़ लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं जिसमें से 12.81 फीसदी लोगों का इलाज चल रहा है. भारत में लगातार हर दिन 2 लाख से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. दिन में कोविड-19 की दूसरी लहर (Coronavirus Second Wave) में खतरा और ज्यादा है – ना सिर्फ नए वेरिएंट्स और नए लक्षणों का बल्कि इस बार संक्रमण युवाओं और बच्चों को भी अपनी चपेट में ले रहा है.
कई राज्य रोकथाम के लिए स्थानीय लॉकडाउन की मदद ले रहे हैं लेकिन इसमें सबसे बड़ी भागीदारी आपकी ही है. मास्क, बार-बार हाथ धोना और सामाजिक दूरी में कोई चूक नहीं होनी चाहिए. लेकिन इन्हीं आम से लगने वाले नियमों का सही से पालन करें तो इस महामारी के साथ छिड़ी जंग जीती जा सकती है.
टाटा मेमोरियल अस्पताल के डायरेक्टर और थोरैसिक सर्जन प्रमेश सीएस ने जानकारी साझा की है जिसके तहत वे बता रहे हैं कि डबल मास्किंग कैसे की जाए, घर पर अगर मरीज हैं तो उनकी देखभाल कैसे हो, ऑक्सीजन का स्तर कितना होना चाहिए, कौन सी दवाएं कारगर हैं और कौन सी नहीं. आइए समझते हैं क्या हैं ये छोटी मगर मोटी बातें
Coronavirus: कोरोना वायरस को रोकने में सबसे ज्यादा कारगर है मास्क पहनना और हाथ धोना. क्योंकि अब वायरस के हवा से भी फैलने का खतरा बताया जा रहा है ऐसे में मास्क लगाना और जरूर हो जाता है. प्रमेश के मुताबिक इसमें अपको फिट होने वाला एन95 मास्क सबसे सही है. इन्हें दोबारा भी इस्तेमाल किया जा सकता है. लेकिन इसमें कुछ बातों का ख्याल रखना होगा.
डॉ प्रमेश का सुझाव है कि आप 5 एन95 मास्क खरीदें और इसका पारी से इस्तेमाल करें. इससे ना सिर्फ आपका खर्च घटेगा पर पर्यावरण के लिए भी सही है.
इसके अलावा आप डबल मास्क लगा सकते हैं. इसमें पहला एक सर्जिकल मास्क हो तो दूसरा कपड़े का मास्क हो. पहले सर्जिकल मास्क लगाएं फिर कपड़े का मास्क ताकी सुरक्षा भी ज्यादा मिले और सांस लेने में दिक्कत भी ना हो.
मास्क लगाने से सुरक्षा मिलेगी लेकिन ऐसे में भी भीड़-भाड़ वाली जगह पर जानें से बचें.
कब ये वायरस आपके घर दस्तक दे दे इसकी कोई गारंटी नहीं इसलिए अपनी तैयारी पूरी रखें. घर में एक थर्मामीटर और पल्स ऑक्सीमीटर पहले से रखें. किसी के भी संक्रमित होने या लक्षण आने पर ये काम आएंगे. थर्मामीटर के जरिए अपना तापमान नामते रहें और पल्स ऑक्सीमीटर से अपना ऑक्सीजन स्तर. संक्रमित होने पर दिन में 2 से 3 बार इन दोनों की जांच करें. कमरे में ही 6 मिनट टहलने के पहले और बाद ऑक्सीजन स्तर नापें. आइसोलेशन के दौरान पानी और जूस पीते रहें.
अगर आप संक्रमित हैं और घर पर ही क्वारंटीन हैं तो कब डॉक्टर के पास जाएं? डॉ प्रमेश के मुताबिक अगर आपका बेसलाइन ऑक्सीजन सैचुरेशन (Oxygen Saturation) 94 फीसदी से नीचे है तो डॉक्टर से संपर्क करें. वहीं अगर 6 मिनट टहलने के बाद इसमें 4 फीसदी या इससे ज्यादा की गिरावट होती है तो भी अस्पताल से संपर्क करें और पेट के बल लेटें – इसे प्रोनिंग कहते हैं.
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डॉ प्रमेश कहते हैं कि अगर आपका ऑक्सीजन स्तर ठीक है और बुखार के अलावा कोई लक्षण नहीं हैं तो सिर्फ पैरासिटामोल काफी है. वे मानते हैं कि रेमडेसिविर भी सिर्फ कुछ ही मामलों में कारगर साबित हुआ है. ये दवाएं कोविड-19 की मृत्यु दर में कमी नहीं लाते.