रेमडेसिविर के बाद अब एक और दवा के सेवन को लेकर लोगों ने हड़बड़ाहट दिखानी शुरू कर दी है. जिसके चलते इस दवा की भारी किल्लत हो गई है. इसका नाम फैबिफ्लू (fabiflu) टैबलेट है और जिस शहर में इसकी किल्लत है वह अहमदाबाद है. अहमदाबाद केमिस्ट्स एसोसिएशन के मुताबिक, लोग घबराहट में आकर रेमडेसिविर की तरह फैबिफ्लू (fabiflu) दवा का स्टॉक कर रहे हैं.
अहमदाबाद में कोरोना के इलाज के लिए इस्तेमाल होने वाली फैबिफ्लू नामक दवा की भी कमी है। अहमदाबाद केमिस्ट्स एसोसिएशन के अनुसार, लोग पैनिक में आकर दवा का स्टॉक कर रहे हैं . इतना ही नहीं कोरोना के मरीजो संख्या में वृद्धि के कारन भी दवा की मांग बढ़ी है.
कोरोना महामारी की वजह से लोग दहशत में हैं. आलम यह है कि अब लोग स्टॉक करने पर उतर आए हैं. कोरोना के इलाज के लिए डॉक्टरों द्वारा निर्धारित फैबिफ्लू दवा खरीदना शुरू कर दिया है. स्टॉक किए जाने के कारण उनको परेशानी होने लगी है, जिन्हें वास्तव में दवा की आवश्यकता है. इधर, स्टॉक करने से अहमदाबाद के राणीप, सायन्ससिटी, घाटलोडिया, नारणपुरा, नवरंगपुरा सहित कई क्षेत्रों में फैबफ्लू दवा उपलब्ध नहीं है.
फेडरेशन ऑफ गुजरात केमिस्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष जशुभाई पटेल ने कहा कि शहर में लोग कोरोना से इतने डरे हुए हैं कि वो सबकुछ खरीदना चाहते हैं, जो उन्हे कोरोना से बचा सके. लोगों के इसी रवैये के चलते जरूरतमंदों को परेशानी हो रही है. हालांकि, एसोसिएशन अपनी तरफ से इसकी कालाबजारी रोकने के लिए प्रयत्नशील है.
28 अप्रैल से रेमडेसिविर की रोजाना 30 हजार शीशियां तैयार होनी शुरू हो चुका है. जेनटेक लाइफसाइंसेस (Genetek LifeSciences) महाराष्ट्र के वर्धा में कोविड-19 के इलाज में इस्तेमाल किए जा रहे रेमडेसिविर (Remdesivir) इंजेक्शन का उत्पादन कर रही है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने मंगलवार को नागपुर में कोविड केयर सेंटर का उद्घाटन करते हुए यह जानकारी दी थी. वहीं, केंद्र सरकार के निर्देश पर रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने वाली कंपनियों ने इस दवा के दाम में 50 फीसदी की कमी की है. केडिला हेल्थ केयर लिमिटेड की दवा रेमडेक, जो पूर्व में 2,800 रुपये में मिलती थी, वह अब 899 रुपए में मिलेगी. इसी तरह डॉ रेड्डीज की रेडिक्स जो 5,400 रुपये में मिलती है वह अब 2,700 रुपये में मिलेगी.