2 साल से ऊपर के बच्चों में कोवैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल का सुझाव

COVAXIN: इस प्रस्ताव पर 24 फरवरी को सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी की बैठक में विचार किया गया था और कंपनी ने क्लिनिकल ट्रायल प्रोटोकॉल की समीक्षा करके सौंपने के लिए कहा गया था. 

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भारत बायोटेक की कोवैक्सीन

भारत बायोटेक की कोवैक्सीन

स्वदेशी वैक्सीन उत्पादक कंपनी भारत बायोटेक के बनाए कोविड-19 रोधी टीके कोवैक्सीन (COVAXIN) को 2 साल से 18 साल से बच्चों में ट्रायल का सुझाव दिया गया है. एक्सपर्ट पैनल ने कोवैक्सीन को बच्चों में दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल शुरू करने की सिफारिश की है.

ये ट्रायल 525 लोगों पर किया जाएगा. दिल्ली के AIIMS, पटना के AIIMS और नागपुर के मेडिट्रिनिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइसेंस जैसे सेंटर्स पर कोवैक्सीन का बच्चों में ट्रायल होगा.

सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) द्वारा बनाई गई कोविड-19 पर सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी ने मंगलवार को हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक के आवेदन पर विचार विमर्श किया है. भारत बायोटेक ने 2 साल से 18 साल के बच्चों में कोवैक्सीन की सुरक्षा और इम्यूनिटी पर असर का आंकलन करने के लिए दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल के लिए आवेदन दिया है.

कंपनी को ट्रायल से पहले दूसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल पर सुरक्षा का अंतरिम डाटा सौंपना होगा.

इससे पहले इस प्रस्ताव पर 24 फरवरी को सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी की बैठक में विचार किया गया था और कंपनी ने क्लिनिकल ट्रायल प्रोटोकॉल की समीक्षा करके सौंपने के लिए कहा गया था.

कोवैक्सीन को भारत बायोटेक ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के साथ मिलकर बनाया गया है. देश में जारी तीसरे चरण के वैक्सीनेशन में सभी वयस्कों को अब तक दो वैक्सीन लगाई जा रही हैं – कोवैक्सीन और सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा उत्पादन की जा रही कोविशील्ड.

भारत बायोटेक ने बताया है कि उन्होंने 1 मई से अब तक 18 राज्यों को कोवैक्सीन सप्लाई की है. इसमें महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, तमिल नाडु, मध्य प्रदेश,  पश्चिम बंगाल, बिहार, तेलंगाना शामिल हैं.

Published - May 12, 2021, 12:51 IST