DRDO की कोरोना दवा 2-DG की कीमतों का ऐलान, जानें एक पैकेट पर आएगा कितना खर्च

सरकारी अस्पतलों, केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को DRDO और डॉ रेड्डीज की तैयार की दवा 2-DG डिस्काउंट पर दी जाएगी. ये दवा जून के मध्य तक बाजार में उपलब्ध कराई जा सकती है. 

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राजनाथ सिंह और हर्ष वर्धन 2-DG दवा को लॉन्च करते हुए

राजनाथ सिंह और हर्ष वर्धन 2-DG दवा को लॉन्च करते हुए

मध्यम लक्षण वाले कोरोना मरीजों की अतिरिक्त ऑक्सीजन पर निर्भरता कम करने वाली DRDO की बनाई दवा 2-DG की कीमतों का ऐलान आज कर दिया गया है. फार्मा कंपनी डॉक्टर रेड्डीज लैब ने एक सैशे की कीमत 990 रुपये रखी है.  दरअसल, इस दवा को डॉ रेड्डीज लैब के साथ मिलकर तैयार किया गया है.

रिपोर्ट के मुताबिक सरकारी अस्पतलों, केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को ये दवा डिस्काउंट पर दी जाएगी. ये दवा जून के मध्य तक बाजार में उपलब्ध कराई जा सकती है.

एक सैशे में 2.34 ग्राम पाउडर होगा. पैकेट पर दी जानकारी के मुताबिक इस दवा की एक्सपायरी 6 महीने में है.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन ने 17 मई को ही DRDO और डॉ रेड्डीज लैब के साथ मिलकर तैयार की कोरोना दवा 2-DG दवा को लॉन्च किया था. ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने 2-डिऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-DG) को इसी महीने इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी है. ये दवा उन कोरोना मरीजों को दी जा सकेगी जिन्हें मॉडरेट लक्षण हैं.

रक्षा मंत्री ने अपने बयान में इस दवा को कोविड-19 मरीजों के इलाज में एक उम्मीद की किरण बताया था.

रक्षा मंत्रालय द्वारा पहले दी जानकारी के मुताबिक दवा सैशे में पाउडर के रूप में मिलती है जिसे खाया जा सकता है या पानी में घोल कर लिया जा सकता है.

दवा वायरस से प्रभावित सेल में जमाकर होकर वायरस के ग्रोथ को रोकती है. ये सिर्फ वायरस के प्रभावित सेल को ही असर करती है.

2-DG कितनी असरदार?

जानकारी में बताया गया है कि 2-DG ज्यादा तेजी से लक्षणों पर असर करती है. अब तक के स्टैंडर्ड ऑफ केयर के मुकाबले 2-DG दिए जाने पर मरीज 2.5 दिन पहले ही सामान्य वायटल पैरामीटर पर आए.

2-DG के इस्तेमाल से अस्पताल में भर्ती हुए कोरोना मरीजों की रिकवरी में तेजी आई है और ऑक्सीजन पर उनकी निर्भरता भी घटी है. जिन मरीजों को ये दवा दी गई उनका RT-PCR टेस्ट नेगेटिव आया है. सरकार ने अपने बयान में कहा है कि ये दवा कोरोना संक्रमण के मरीजों के लिए बड़ी राहत देगा.

2-DG दवा दिए जाने पर तीसरे दिन तक 42 फीसदी मरीजों को अलग से ऑक्सीजन देने की जरूरत नहीं रही जबकि SoC में ये सिर्फ 31 फीसदी रहा है. ये दर्शाता है कि 2-DG मरीजों को ज्यादा जल्दी राहत देता है और अलग से ऑक्सीजन देने पर निर्भरता कम करता है.

65 वर्ष के ऊपर के मरीजों में भी इसी तरह के ट्रेंड देखने को मिले हैं.

Published - May 28, 2021, 04:15 IST