कोविड-19 की देश में दूसरी लहर के बीच इसके इलाज में काम आने वाली दवाओं की मांग एक बार फिर से बढ़ने लगी है. साथ ही इन दवाओं की कीमत को कम करने के लिए इन पर GST घटाने की मांग हो रही है. गुरुवार को मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोविड-19 की समीक्षा बैठक में भी इन जरूरी दवाओं पर GST की दर को घटाने की मांग की गई.
इस मीटिंग में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोरोना संक्रमण के इलाज में काम आने वाली दवाइयों औप उपकरणों पर GST की दर कम करने की मांग की है.
राज्य के अधिकारियों के मुताबिक, मुख्यमंत्री बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कोविड-19 संक्रमण से पैदा हुई परिस्थितियों और टीकाकरण की प्रगति की समीक्षा के लिए गुरुवार को आयोजित ऑनलाइन बैठक में केंद्र सरकार से छत्तीसगढ़ राज्य की भौगोलिक परिस्थिति को देखते हुए राज्य को एक हफ्ते की जरूरत के टीके एडवांस में उपलब्ध कराने का भी आग्रह किया है.
बघेल ने कहा कि इससे दूर-दराज के इलाकों में टीकाकरण में आसानी होगी.
अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज में उपयोग की जाने वाली दवाईयों और उपकरणों पर GST की दर कम करने की भी प्रधानमंत्री से मांग की है. उन्होंने कहा कि इससे इलाज के दौरान कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों पर कम आर्थिक बोझ पड़ेगा.
अधिकारियों ने बताया कि बघेल ने केन्द्र सरकार से राज्य की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए रेमडेसिविर इंजेक्शन और ऑक्सीजन सिलेंडर की लगातार आपूर्ति करने, राज्य में चार वायरोलॉजी प्रयोगशालाएं और एक बीएसएल-4 लैब की स्थापना तथा 1,000 बिस्तरों के आईसीयू के बुनियादी ढांचे के लिए सहायता उपलब्ध कराने की भी मांग की है.
छत्तीसगढ़ में 87 फीसदी स्वास्थ्य कर्मियों, अग्रिम मोर्चे के 84 फीसदी कर्मियों और 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के 43 फीसदी लोगों को टीके का पहला डोज लगाया जा चुका है. मीटिंग में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कोविड-19 जांच की क्षमता बढ़ाने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने राज्य में कोरोना संक्रमण की रोकथाम और बचाव के उपायों की जानकारी देते हुए कहा कि कोरोना संक्रमित मरीज चिकित्सकों से जल्द इलाज कराएं इसके लिए शासकीय अमले के अलावा राज्य के सभी सामाजिक संगठनों के माध्यम से प्रयास किए जा रहे हैं.