दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को केंद्र और विभिन्न दवा कंपनियों से उस जनहित याचिका का जवाब देने को कहा, जिसमें रेमडेसिविर (Remdesivir) बनाने वाली सभी दवा कंपनियों को घरेलू बाजार में इस दवा की बिक्री करने की अनुमति देने का अनुरोध किया गया है.
इस दवा का इस्तेमाल कोविड-19 के उपचार के लिए किया जाता है.
मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने स्वास्थ्य मंत्रालय, केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन, विदेश व्यापार महानिदेशक और सिप्ला, जाइडस एवं कैडिला जैसी विभिन्न दवा कंपनियों से उस याचिका पर अपना रुख बताने को कहा, जिसमें दावा किया गया है कि केवल कुछ ही कंपनियों को घरेलू बाजार में दवा बेचने की अनुमति है.
याचिकाकर्ता दिनकर बजाज ने कहा कि शेष कंपनियां निर्यात करने के लिए यह दवा बनाती थीं.
उन्होंने कहा कि रेमडेसिविर (Remdesivir) का निर्यात केंद्र ने प्रतिबंधित कर दिया है और निर्यात के लिए यह दवा बनाने वाली कंपनियों को इसे बनाने एवं घरेलू बाजार में बेचने की अनुमति दी जानी चाहिए.
दिल्ली उच्च न्यायालय के बार एसोसिएशन के संयुक्त सचिव एवं वकील बजाज ने दावा किया कि देश में 25 से अधिक कंपनियां यह दवा बनाती हैं, लेकिन इनमें से केवल छह से आठ कंपनियों को घरेलू बाजार में इसकी बिक्री करने की अनुमति है और शेष केवल निर्यात के लिए इसे बना रही थीं.
वकील अमित सक्सेना और इमरान अली की ओर से दायर याचिका में कहा गया है, ‘‘इस बात का उल्लेख करना उचित होगा कि रेमडेसिविर (Remdesivir) की कमी के कारण इसकी काला बाजारी हो रही है और ऐसा करने वाले लोग इसकी अनुपलब्धता के कारण एक लाख रूपये प्रति शीशी तक वसूल रहे हैं.’’