रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन ने आज DRDO और डॉ रेड्डीज लैब के साथ मिलकर तैयार की कोरोना दवा 2-DG दवा को आज लॉन्च कर दिया है. ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने 2-डिऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-DG) को इसी महीने इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी है. ये दवा उन कोरोना मरीजों को दी जा सकेगी जिन्हें मॉडरेट लक्षण हैं.
रक्षा मंत्री ने अपने बयान में इस दवा को कोविड-19 मरीजों के इलाज में एक उम्मीद की किरण बताया है.
मुझे बताया गया, कि इसके प्रयोग से सामान्य उपचार की अपेक्षा लोग ढाई दिन जल्दी ठीक हुए हैं। साथ ही ऑक्सीजन dependency भी लगभग 40 फ़ीसदी तक कम देखने को मिली है। इसका पाउडर फॉर्म में होना भी इसकी एक बड़ी खासियत है। इसे ORS घोल की तरह इसका इस्तेमाल लोग बड़ी आसानी से कर सकेंगे: RM
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) May 17, 2021
राजनाथ सिंह ने कहा कि ये समय ढिलाई का नहीं है क्योंकि इस महामारी के समय में कुछ भी तय नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार पूरी स्थिति को गंभीरता से देख रही है और ICU बेड की उपलब्धता से लेकर लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन के सप्लाई के लिए भी व्यवस्था कर रही है.
रक्षा मंत्री ने कहा है कि क्लिनिकल ट्रायल में 2-DG दवा ने असर दिखाया है और मरीजों की जल्दी रिकवरी में भी मदद की है. साथ ही दवा ने मरीजों को अलग से ऑक्सीजन देने की जरूरत को भी कम किया है.
मंत्रालय के मुताबिक जेनरिक मॉलिक्यूल होने की वजह से और ग्लूकोज का ही एनालॉग होने की वजह से ये दवा देश में पर्याप्त मात्रा में बनाई जा सकती है.
दूसरी ओर अब तक रेडमेसिविर जैसी अन्य दवाओं का इस्तेमाल किया जा रहा था जिसका उत्पादन सीमित है. इन दवाओं को बाहर से आयात भी करना पड़ रहा था.
इस दवा को DRDO के लैब इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड एलाइड साइंसेस (INMAS) में तैयार किया गया है और पिछले एक साल से दवा अलग-अलग चरण के क्लिनिकल ट्रायल से होकर गुजरी है.
जानकारी में बताया गया है कि 2-DG ज्यादा तेजी से लक्षणों पर असर करती है. अब तक के स्टैंडर्ड ऑफ केयर के मुकाबले 2-DG दिए जाने पर मरीज 2.5 दिन पहले ही सामान्य वायटल पैरामीटर पर आए.
2-DG के इस्तेमाल से अस्पताल में भर्ती हुए कोरोना मरीजों की रिकवरी में तेजी आई है और ऑक्सीजन पर उनकी निर्भरता भी घटी है. जिन मरीजों को ये दवा दी गई उनका RT-PCR टेस्ट नेगेटिव आया है. सरकार ने अपने बयान में कहा है कि ये दवा कोरोना संक्रमण के मरीजों के लिए बड़ी राहत देगा.
2-DG दवा दिए जाने पर तीसरे दिन तक 42 फीसदी मरीजों को अलग से ऑक्सीजन देने की जरूरत नहीं रही जबकि SoC में ये सिर्फ 31 फीसदी रहा है. ये दर्शाता है कि 2-DG मरीजों को ज्यादा जल्दी राहत देता है और अलग से ऑक्सीजन देने पर निर्भरता कम करता है.
65 वर्ष के ऊपर के मरीजों में भी इसी तरह के ट्रेंड देखने को मिले हैं.
मंत्रालय की दी जानकारी के मुताबिक दवा सैशे में पाउडर के रूप में मिलती है जिसे खाया जा सकता है या पानी में घोल कर लिया जा सकता है.
दवा वायरस से प्रभावित सेल में जमाकर होकर वायरस के ग्रोथ को रोकती है. ये सिर्फ वायरस के प्रभावित सेल को ही असर करती है.