कोरोना वायरस महामारी की तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच केंद्र और राज्य सरकारों ने अलग-अलग स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी है. इसी बीच रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार एक ऐसे पोर्टल पर भू काम कर रही है जिसपर पॉलिसीमेकर्स और अधिकारियों को ये जानकारी हासिल हो सकेगी कि भारत के ग्रामीण इलाके मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर या स्टाफ के लिहाज से महामारी के लिए कितना तैयार है.
भारत में अब तक 3.02 करोड़ लोगों को संक्रमण हो चुका है जिसमें से 2.93 करोड़ लोग ठीक भी हुए हैं. महामारी की दूसरी लहर में वायरस का खतरा गांवों तक भी पहुंचा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने हाल के संबोधनों में अधिकारियों को गांवों में इस महामारी के संक्रमण को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने और लोगों के कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील की थी.
दैनिक अखबार हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुतािक सरकार का ये नया वेब पोर्टल ये ट्रैक करेगा कि कोविड-19 को ग्रामीण इलाकों में कैसे नियंत्रित किया जा रहा है.
ग्रामीण इलाकों में टीकाकरण में भी रफ्तार लाई गई है. नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल ने भी हाल में कहा था कि कुल वैक्सीनेशन में आधा से ज्यादा टीकाकरण गांवों में हुआ है.
मोदी ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक ट्वीट पर प्रतिक्रिया दी जिसमें कहा गया कि भारत एक और उपलब्धि हासिल की है क्योंकि यहां लोगों को दी गयी टीकों की कुल खुराकों की संख्या अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस और इटली जैसे देशों की तुलना में अधिक है.
मंत्रालय ने बताया कि सोमवार को सुबह आठ बजे तक कोविड-19 रोधी टीके की 32.36 करोड़ खुराकें दी जा चुकी हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारत का टीकाकरण अभियान रफ्तार पकड़ रहा है। इस अभियान में शामिल सबको बधाई. सबको टीका, मुफ्त टीका के लिए हमारी प्रतिबद्धता बनी हुई है.”
India’s vaccination drive keeps gaining momentum!
Congrats to all those who are driving this effort.
Our commitment remains vaccines for all, free for all.
सबको वैक्सीन, मुफ्त वैक्सीन। https://t.co/VK15ZPHMUm
— Narendra Modi (@narendramodi) June 28, 2021
कोरोना महामारी की दूसरी लहर में ग्रामीण इलाकों में ज्यादा असर पड़ा, ऐसे में सीमित हेल्थकेयर सुविधाओं के बीच जमीन से जुड़े ग्राम पंचायतों की भूमिका काफी बढ़ गई है.
वहीं, इस नए पोर्टल पर जानकारी देते हुए एक हिंदुस्तान टाइम्स को एक अधिकारी ने बताया, “इस डैशबोर्ड पर गांव में स्वास्थ्य और सैनिटेशन कमिटी, कितने फ्रंटलाइन कर्मचारी और वॉलेंटियर काम कर रहे हैं, स्कूलों और पंचायतों की बिल्डिंग में कितने आइसोलेशन सेंटर बने हैं – ये सब जानकारी उपलब्ध होगी. इससे ट्रैक करना आसान हो जाएगा.”