देश में विकराल होते कोरोना संकट पर उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) एक्शन में है. उच्चतम न्यायालय ने भारत में कोविड-19 की मौजूदा स्थिति पर स्वत: संज्ञान लिया है और केंद्र सरकार को नोटिस भेजा है. कोर्ट ने केंद्र से कोरोना की स्थिति, दवाओं की आपूर्ती और टीकाकरण की प्रक्रिया को लेकर राष्ट्रीय नीति मांगी है. वहीं इसके साथ ही उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह कोविड-19 वैश्विक महामारी के बीच लॉकडाउन घोषित करने की उच्च न्यायालयों की न्यायिक शक्ति को भी जांचेगा क्योंकि कोवि़ड-19 संबंधित मुद्दों पर छह अलग-अलग उच्च न्यायालयों का सुनवाई करना किसी तरह का भ्रम पैदा कर सकता है.
उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ऑक्सीजन, आवश्यक दवाओं की आपूर्ति और टीकाकरण के तरीकों से जुड़े मुद्दों पर राष्ट्रीय नीति चाहता है.
उच्चतम न्यायालय ने कोविड-19 प्रबंधन पर स्वत: संज्ञान के मामले में उसकी मदद के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे को न्याय मित्र नियुक्त किया.
उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) देश में कोविड-19 प्रबंधन से जुड़े, स्वत: संज्ञान वाले मामले में शुक्रवार को सुनवाई करेगा.
वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने कल कोरोना की स्थिति पर कई बैठकें बुलाई हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने बढ़ते कोरोना मामलों और देश में इसकी रोकथाम की स्थिति की समीक्षा के लिए उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है. इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने पश्चिम बंगाल में कल होने वाली रैली के लिए नहीं जाए सकेंगे. मोदी ने ट्विटर पर जानकारी देते हुए लिखा है कि वे कोविड-19 परिस्थिति (COVID-19 Situation) की समीक्षा के लिए उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता करेंगे जिस वजह से बंगाल जाने का फैसला रद्द किया है.
प्रधानमंत्री कल कई बैठकें करने वाले हैं. सुबह 9 बजे कोरोनी की स्थिति पर एतक आंतरिक बैठक होगी तो वहीं सुबह 10 बजे वे उन राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करेंगे जहां कोरोना के मामलों का बोझ ज्यादा है. वहीं दोपहर साढ़े 12 बजे वे ऑक्सीजन गैस के उत्पादकों के साथ विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए बैठक करेंगे.