देश में कोविड-19 संक्रमण के मामले हर दिन एक नया रिकॉर्ड बना रहे हैं. हालांकि, हालिया आंकड़ों से पता चल रहा है कि वैक्सीन लगवाने वालों की संख्या धीरे-धीरे कम हो रही है. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, रोजाना आधार पर मार्च और अप्रैल के पहले हफ्ते के मुकाबले वैक्सीनेशन में सुस्ती आ रही है.
लगातार घट रही है वैक्सीनेशन की संख्या
10 अप्रैल 2021 को मंत्रालय ने गुजरे 24 घंटे में 34 लाख वैक्सीनेशन की बात की थी. इससे एक दिन पहले ये आंकड़ा 36 लाख था. 17 अप्रैल आते-आते ये संख्या घटकर 30 लाख पर आ गई. जबकि 6 अप्रैल को वैक्सीन की 43 लाख डोज लगाई गई थीं. ऐसे में यह सवाल अहम है कि आखिर वैक्सीनेशन में सुस्ती क्यों आ रही है?
भारत वैक्सीन्स के डिस्ट्रीब्यूशन और सप्लाई में लीडर रहा है. ग्लोबल लेवल पर भारत उन देशों में शामिल है जिन्होंने बड़ी संख्या में अपनी आबादी को वैक्सीन लगाई है. हालांकि, भारत की बड़ी आबादी को देखते हुए सबको वैक्सीनेशन लग पाने में अभी काफी वक्त लग जाएगा.
संक्रमण फैलने का डर और वैक्सीनेशन को लेकर हिचक
पिछले एक हफ्ते में वैक्सीनेशन में आई सुस्ती से यह साबित हो रहा है कि लोगों में वैक्सीन को लेकर अभी भी डर और आशंका बनी हुए हैं. दूसरी ओर, कोविड की दूसरी लहर जिस तरह से फैल रही है उसे लेकर लोगों में संक्रमण को लेकर और ज्यादा डर है. इस वजह से भी लोग वैक्सीनेशन के लिए आगे नहीं आ रहे हैं.
अहम है वैक्सीनेशन
मैक्स साकेत के पल्मोनोलॉजी के हेड डॉ. विवेक नांगिया कहते हैं, “वैक्सीनेशन बेहद अहम है और इससे मृत्यु दर को रोकने में मदद मिलती है. इससे मरीजों में लक्षणों की गंभीरता भी कम होती है. अभी तक हमने वैक्सीन लगवा चुके किसी भी शख्स की कोविड से मौत नहीं सुनी है.”
कम वैक्सीन लगने की एक वजह यह भी है कि कई राज्यों में वैक्सीन की सप्लाई कम रही है. हालांकि, सरकार ने विदेशी वैक्सीन्स को जल्द एप्रूवल देने की इजाजत दी है. साथ ही सरकार देश में भी वैक्सीन के प्रोडक्शन को बढ़ाने पर काम कर रही है.