खतरा बढ़ा ! भारत में कोरोना का नया वेरिएंट, स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी जानकारी

COVID-19 Variants: म्यूटेशंस इम्यूनिटी के लिए खतरा होते हैं.  इनके रोकथाम के लिए ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग, ट्रैकिंग और आइसोलेशन की जरूरत है.

vaccination, chhattisgarh, Chhattisgarh CM, Vaccine Reservation, Cowin portal, CGteeka

Picture Courtesy: PTI

Picture Courtesy: PTI

COVID-19 Variants: भारत में कोरोना का दूसरा अटैक गहराता जा रहा है. नई जानकारी के मुताबिक कोविड-19 के नए वेरिएंट मिले हैं जो चिंता बढ़ा रहे हैं जिसमें से भारत में एक नया वेरिएंट मिला है. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक भारत में एक डबल म्यूटेंट वेरिएंट (Double Mutant Variant) मिला है.  जिनॉमिक्स पर कंसोर्शियम INSACOG के मुताबिक 18 राज्यों में वेरिएंट पाए गए हैं.  INSACOG (इंडियिन SARS-CoV-2 कंसोर्शियम ऑन जिनॉमिक्स) देशभर की 10 लैब का ग्रुप है जिसका गठन 25 दिसंबर को किया गया था. यहां कोविड-19 वायरस की जिनोनॉम सीक्वेंसिंग की जा रही है.

मंत्रालय ने ये भी कहा है कि हालांकि भारत में एक नया वेरिएंट मिला है लेकिन इसकी संख्या इतनी नहीं है कि भारत के कुछ राज्यों में बढ़ते मामलों को इससे जोड़ा जाए. इसपर और जानकारी के लिए जिनॉमिक स्किवेंसिंग और स्टडी लगातार चल रही है ताकि स्थिति का आकलन हो सके.

INSACOG ने 10,787 पॉजिटिव सैंपल में से अब तक 771 ऐसे वेरिएंट्स की पहचान की है जो चिंता का कारण हैं. इनमें से 736 पॉजिटिव सैंपल में UK (B.1.1.7) के वेरिएंट मिले हैं जबकि 34 में दक्षिण अफ्रीकी (B.1.351)  वेरिएंट के हैं. वहीं 1 सैंपल ब्राजील (P.1) के वेरिएंट से पॉजिटिव पाया गया. ये वेरिएंट्स (Variants) अंतरराष्ट्रीय यात्रा से लौटे लोगों से कलेक्ट किए सैंपल से पाए गए हैं.

महाराष्ट्र से आए सैंपल्स की जांच ये दिखाती है कि E484Q और L452R म्यूटेशन का अनुपात दिसंबर 2020 के मुकाबले बढ़ गया है. जानकारी के मुताबिक ऐसे 15-20 फीसदी सैंपल हैं जो पहले के रिकॉर्ड किए वेरिएंट्स (Variants) से मेल नहीं खाते. केरल से 2032 सैंपल्स की जांच की गई है जिसमें से 123 सैंपल में N440K वेरिएंट पाया गया है. ये वेरिएंट इससे पहले आंध्र प्रदेश के 33 फीसदी सैंपल और तेलंगाना में 104 में से 53 सैंपल में पाया गया था. ये वही वेरिएंट है जिसे UK, डेनमार्क, सिंगापुर, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे कुल 16 देशों में पाया गया था.

ऐसे म्यूटेशंस इम्यूनिटी के लिए खतरा होते हैं और वायरस के खिलाफ इसका प्रभाव धीमा हो जाता है.  इनके रोकथाम के लिए ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग, ट्रैकिंग और आइसोलेशन की जरूरत है.

Published - March 24, 2021, 03:25 IST