पहली डोज लेने के बाद कोविड पॉजिटिव व्यक्ति 3 महीने बाद ले सकता है दूसरी डोज: डॉ वी के पॉल

Corona Vaccine: अगर कोई पहली डोज लेने के बाद कोरोना से संक्रमित हो गया है तो उसे कोविड से ठीक होने के 3 महीने बाद दूसरा डोज लेना चाहिए

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Corona Vaccine: कोरोना से जारी जंग में देश में वैक्सीनेशन की गति तेज की जा रही है. टीका उत्सव के तहत आज चौथा दिन है और अब तक कोविड वैक्सीन की कुल 11 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी हैं, जबकि देश में पिछले 24 घंटों के दौरान 26 लाख से अधिक खुराक दी गई हैं. वहीं कोविड की पहली डोज लेने के बाद भी कई लोग संक्रमित हो गए हैं. ऐसे लोग असमंजस में है कि उन्हें दूसरी डोज लगवानी है या नहीं या कब लगवानी है. आइए जानते हैं कि इसके जवाब में नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी. के. पॉल ने क्या कहा…

पहली डोज के बाद संक्रमित होने वाला 12 हफ्ते बाद ले सकता है दूसरी डोज

Corona Vaccine: दरअसल, डॉ. पॉल बताते हैं कि अगर कोई पहली डोज लेने के बाद कोरोना वायरस से संक्रमित हो गया है तो उसे कोविड से ठीक होने के 3 महीने यानी करीब 12 हफ्ते बाद वैक्सीन की दूसरी डोज लेनी है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि अगर इस वक्त कोई कोरोना से संक्रमित हो गया है तो गाइडलाइन के अनुसार उसे ठीक होने के 12 हफ्ते बाद ही वैक्सीन लेना चाहिए. इसके अलावा उन्होंने कहा कि वैक्सीन सबको लेनी है अगर कोविड से ठीक हो गया है, उसे भी लेनी है.

पहली डोज और दूसरी डोज में अंतर

Corona Vaccine: अगर कोरोना की दूसरी डोज बूस्टर है तो पहली डोज का क्या काम है, इस सवाल का जवाब में आरएमएल हॉस्पिटल नई दिल्ली के डॉ. ए. के. वार्ष्णेय ने जवाब देते हुए बताया कि अभी हमारे देश में दो वैक्सीन लग रही हैं, कोवैक्सीन और कोविशील्ड. कोवैक्सिन की पहली डोज के 4-6 हफ्ते के बाद दूसरी डोज दी जाती है. वहीं, कोविशील्ड की दूसरी डोज 6-8 हफ्ते के बाद दी जाती है. वैक्सीन एक तरह से वायरस का पार्ट होती है और एंटीजन का काम करती है. जब पहली डोज लगती है तो शरीर के प्रतिरोधक सेल्स को एक्टिवेट करते हैं, लेकिन वे इतनी एक्टिवेट नहीं हो पाती हैं कि एंटीबॉडी बने. वहीं, जब दूसरी डोज लगती है, तो सेल्स पहले से ही एक्टिव हो गई होती हैं, अब सिर्फ एंटीबॉडी बनने लगती हैं. दूसरी डोज लगने के 14 दिन बाद माना जाता है कि शरीर में एंटीबॉडी बन जाती हैं.

लेकिन 20 प्रतिशत लोग जिनकी इम्यूनिटी कमजोर हो, कोमोरबिडिटी वाले हों उनमें हो सकता है पर्याप्त एंटीबॉडी न बनें तो उन्हें वैक्सीन लगवाने के बाद भी सतर्क रहना है.

Published - April 14, 2021, 07:15 IST