कोविड से मौत पर 4 लाख रुपये के मुआवजे पर सुप्रीम कोर्ट में फैसला सुरक्षित

COVID-19 Ex-Gratia Compensation: केंद्र ने SC में कहा था कि 4 लाख रुपये का मुआवजा नहीं दे सकते क्योंकि राज्य सरकारों और केंद्र की वित्तीय सेहत खराब है

Loan Moratorium, supreme court, loan, petition, interest, corona

Supreme Court, Picture: PTI

Supreme Court, Picture: PTI

COVID-19 Ex-Gratia Compensation: कोविड-19 से जान गंवाने वालों के परिवारों को 4 लाख रुपये का मुआवजा देने की याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को फैसला सुरक्षित रखा है. जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एम आर शाह की खास वेकेशन बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है. सोमवार को मामले पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, वरिष्ठ वकील एस बी उपाध्याय और अन्य कई वकीलों की दलीलों को लगभग 2 घंटे तक सुना गया.

सुप्रीम कोर्ट ने मामले से जुड़े सभी पक्षों को लिखित में जवाब सौंपने के लिए 3 दिन का समय दिया है और कोविड-19 से हुई मौत के मामलों में परिवारों को मृत्यु प्रमाण पत्र हासिल करने की प्रक्रिया आसान करने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश दिए गए हैं.

केंद्र ने कहा – नहीं दे पाएंगे 4 लाख रुपये मुआवजा

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पहले जमा कराए एक एफिडेविट में कहा है कि वे कोविड-19 से हुई मौत पर परिवारों को 4 लाख रुपये (Rs 4 Lakh Ex-Gratia Compensation) का मुआवजा नहीं दे सकते क्योंकि राज्य सरकारों और केंद्र की वित्तीय सेहत पहले से ही दबाव में हैं.

गृह मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में सौंपे एक एफिडेविट में कहा है कि डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट, 2005 के अंतर्गत मिनिमम स्टैंडर्ड रिलीफ का प्रावधान किया गया है. इसके तहत सरकार ने स्वास्थ्य सेवाएं, बढ़ाने, इंफ्रा में सुधार करने और सभी नागरिकों को खाद्य सुरक्षा देने के लिए कदम उठाए हैं.

याचिकाकर्ता की दलील

इस मामले में याचिकाकर्ताओं में से एक एडवोकेट गौरव कुमार बंसल ने कहा था कि डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 के सेक्शन 12(iii) के तहत हर ऐसे परिवार जिनसे कोविड-19 की वजह से सदस्य को गंवाया है उसे 4 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाना चाहिए.

बंसल ने कहा था कि कोविड-19 को सरकार के आदेश के बाद से एक डिजास्टर करार दिया गया है और इसी कारण कोविड-19 से मृत्यु पर परिवार को 4 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाना चाहिए.

याचिकाकर्ता रीपक कंसल का पक्ष रखते हुए काउंसिल ने दलील दी थी कि कोविड-19 की वजह से बड़ी संख्या में लोग जान गंवा रहे थे और इसके लिए मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया जाना चाहिए तभी पीड़ित परिवारों को एक्ट के सेक्शन 12 (iii) के तहत मुआवजा मिल सकेगा.

कंसल ने अपनी याचिका में कहा है कि राज्यों को कोविड-19 से जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों की जिम्मेदारी उठानी चाहिए.

Published - June 21, 2021, 02:08 IST