कोविड-19 का खतरनाक रूप है डेल्टा प्लस, क्या बनेगा तीसरी लहर का कारण?

Delta Plus Variant: डेल्टा प्लस को AY.1 वेरिएंट नाम से भी जाना जा रहा है. अब तक महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और पंजाब में इसके कुछ मामले मिले हैं

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Coronavirus, Pic Courtesy: Pixabay

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Delta Plus Variant: तीसरी लहर को लेकर कई चिंताएं जताई जा रही हैं – बच्चों में संक्रमण से लेकर, ज्यादा खतरनाक वेरिएंट से संक्रमण होने तक. वहीं, AIIMS के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने भी कहा है कि कोरोना वायरस की अगली लहर 6 से 8 हफ्ते में आ सकती है. इन अनुमानों के बीच डेल्टा के बदले हुए स्वरूप डेल्टा प्लस को लेकर चर्चा है.

अब तक कितने मरीज?

डेल्टा प्लस को AY.1 वेरिएंट नाम से भी जाना जा रहा है. महाराष्ट्र में इस वेरिएंट से 20 जून तक 20 लोग संक्रमित पाए गए हैं. ये मामले महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग, रत्नागिरी, पालघर और जलगांव में पाए गए हैं.

डेल्टा प्लस के कुछ मामले तमिलनाडु, मध्यप्रदेश, पंजाब में भी मिले हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक 7 जून 2021 तक भारत में डेल्टा प्लस के 7 मामले दर्ज किए गए थे.

हालांकि, अभी इस वेरिएंट के संक्रमण की जांच की जा रही है.

क्या है ये नया वेरिएंट?

वैज्ञानिकों के मुताबिक पहले से ही ज्यादा तेजी से फैलने वाले SARS-CoV-2 के वेरिएंट डेल्टा का भी बदला हुआ स्वरूप है डेल्टा प्लस (Delta Plus Variant). डेल्टा स्वरूप सबसे पहले भारत में पाया गया था और इसे B.1.617.2 वेरिएंट भी कहा जाता है.

गौरतलब है कि युनाइटेड किंग्डम में मौजूदा कोविड-19 लहर में सबसे ज्यादा संक्रमित डेल्टा वेरिएंट के ही हैं.

वैज्ञानिकों को चिंता है कि डेल्टा प्लस कहीं ऐसा वेरिएंट ना बन जाए जो एंटीबॉडी से बच निकले.

क्या है एक्सपर्ट्स की राय?

ठीक 5 दिन पहले ही स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा था कि अभी डेल्टा प्लस (Delta Plus Variant)  ‘चिंताजनक वेरिएंट’ नहीं है लेकिन ‘वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ जरूर है. तब नीति आयोग सदस्य वी के पॉल ने कहा था कि ये नया वेरिएंट सबसे पहले मार्च में यूरोप में पाया गया था लेकिन इसकी जानकारी बाद में दी गई. मंत्रालय ने कहा है कि इसकी ट्रैकिंग जरूरी है.

वोरिएंट ऑफ कन्सर्न वे म्यूटेशंस होते हैं जिनसे वायरस के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. भारत में वेरिएंट्स की जांच और वायरस की जिनोम सिक्वेंसिंग का काम INSACOG सिस्टम के जरिए किया जा रहा है.

महाराष्ट्र डेल्टा प्लस को लेकर सतर्क

महाराष्ट्र में बुधवार को हुई टास्क फोर्स की बैठक में कहा गया था कि डेल्टा प्लस वेरिएंट (Delta Plus Variant) से महाराष्ट्र में तीसरी लहर का खतरा है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा था कि एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर आठ लाख हो सकती है जिसमें से 10 फीसदी संक्रमित बच्चे हो सकते हैं.

दरअसल ये बैठक राज्य में तीसरी लहर को लेकर तैयारियों का जायजा लेने के लिए की गई थी.

Published - June 21, 2021, 05:06 IST