Coronavirus Update: गुजरात में कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus) के मामले तेजी से बढ़ने के बीच राज्य सरकार ने 20 शहरों में रात आठ बजे से लेकर सुबह छह बजे तक कर्फ्यू लगाने की घोषणा की है. यह बुधवार से 30 अप्रैल तक प्रभावी रहेगा. इससे पहले दिन में गुजरात उच्च न्यायालय ने कहा था कि राज्य में कोविड-19 के कारण स्थिति ‘नियंत्रण से बाहर’ हो रही है. इसके साथ ही अदालत ने सुझाव दिया कि वायरस संक्रमण (Coronavirus) की श्रृंखला को तोड़ने के लिए तीन से चार दिनों के लिए कर्फ्यू या लॉकडाउन लागू किया जा सकता है. अभी तक अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा आर राजकोट में रात नौ बजे से सुबह छह बजे तक का कर्फ्यू लगा था.
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की अध्यक्षता में कोरोना वायरस कोर समूह की बैठक में रात्रिकालीन कर्फ्यू लगाने का निर्णय लिया गया. रूपाणी ने कहा,‘‘ उच्च न्यायालय ने हमें कुछ सुझाव दिए थे और हमने उन पर निर्णय ले लिया है. इससे पहले हमने राज्य के चार बड़े शहरों में कर्फ्यू लगाया था , अब हमने 20 शहरों में रात के वक्त कर्फ्यू लगाने का निर्णय लिया है.’’
देश में अब तक 8.40 करोड़ से ज्यादा लोगों को लगाई जा चुकी है वैक्सीन
देश में अब तक कोविड-19 रोधी टीके की 8.40 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी. मंत्रालय ने बताया कि 89,60,966 स्वास्थ्य कर्मियों को पहली खुराक और 53,77,011 स्वास्थ्य कर्मियों को दूसरी खुराक दी जा चुकी है. अब तक अग्रिम मोर्चे के 97,30,304 कर्मियों को पहली खुराक और 42,68,788 कर्मियों को दूसरी खुराक दी गई है.
यूपी में भी लग सकता है रात्रिकालीन कर्फ्यू
उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों पर चिंता प्रकट करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मंगलवार को राज्य सरकार से रात्रिकालीन कर्फ्यू लगाने की संभावना तलाशने को कहा, ताकि सामाजिक कार्यक्रमों में भीड़भाड़ रोकी जा सके.
मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा ने वीडियो कान्फ्रेंस के जरिए एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश जारी किया. अदालत ने कहा, “हालांकि, राज्य सरकार ने कोविड-19 की दूसरी लहर के खतरे से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं, लेकिन देखने में आया है कि राज्य द्वारा जारी निर्देशों का लोगों द्वारा ढंग से पालन नहीं किया जा रहा और यह चिंता का विषय है.”
पीठ ने जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों से लोगों का शत प्रतिशत मास्क पहनना सुनिश्चित करने को कहा. अदालत ने कहा, “जिला प्रशासन को यह देखना चाहिए कि पूरे प्रदेश में किसी भी जगह भीड़ एकत्रित ना हो.”
पंचायत चुनावों पर पीठ ने कहा कि चुनाव इस तरह से कराए जाएं कि कोई जुलूस ना निकले. अदालत ने कहा कि चाहे वह नामांकन हो, चुनाव प्रचार हो या मतदान हो, हर चरण में कोविड-19 के सभी नियमों का पालन किया जाना चाहिए.
अदालत ने कहा, “राज्य सरकार केवल 45 वर्ष की आयु से ऊपर के लोगों के लिए ही नहीं, बल्कि सभी के लिए टीकाकरण की संभावना तलाशे. वास्तव में घर-घर टीकाकरण करने का कार्यक्रम तैयार किया जाना चाहिए.” इस जनहित याचिका पर अगली सुनवाई आठ अप्रैल को की जाएगी.