Coronavirus Crisis: कोरोना संकट की दूसरी लहर से जूझते भारत की मदद के लिए कई देश आगे आए हैं. अमेरिका फर्स्ट कहकर पहले वैक्सीन के लिए कच्चे माल के निर्यात पर प्रतिबंध को लेकर अमेरिका ने भी यूटर्न लिया है और भारत की सहायता के लिए मेडिकल सप्लाई और इक्विप्मेंट भेजने का निर्णय लिया है. अमेरिका ही नहीं सिंगापुर, सऊदी अरब, यूरोपीय संघ, फ्रांस भी भारत की मदद के लिए आगे आए हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने ट्वीट कर लिखा, “जैसे भारत ने महामारी के शुरुआती दौर में युनाइटेड स्टेट्स की मदद की जब यहां के अस्पतालों पर दबाव था, वैसे ही हम भी इस संकट की घड़ी में दृढ़ता से भारत की मदद करेंगे.”
Just as India sent assistance to the United States as our hospitals were strained early in the pandemic, we are determined to help India in its time of need. https://t.co/SzWRj0eP3y
— President Biden (@POTUS) April 25, 2021
आपको बता दें कि भारत में कोविशील्ड का उत्पादन कर रही कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट के प्रमुख अदार पूनावाला ने अमेरिका से वैक्सीन के लिए जरूरी कच्चे माल के निर्यात पर लगाए प्रतिबंध को हटाने की मांग की थी.
अब अमेरिका की उप-राष्ट्रति कमला हैरिस ने भी कहा है कि अमेरिकी सरकार भारत सरकार के साथ सप्लाई और अतिरिक्त सहायता देने के लिए काम कर रही है.
ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए भारत ने कई देशों से ऑक्सीजन मैत्री के तहत सहायता मांगी है जिसमें कंटेनर और ऑक्सीजन सिलेंडर सप्लाई में मदद मिलेगी.
भारतीय वायुसेना ने शनिवार को ही C-17 हेवी लिफ्ट एयरक्राफ्ट के जरिए सिंगापुर से 4 क्रायोजेनिक टैंक भारत लाए हैं जिनसे ऑक्सीजन का ट्रांसपोर्टेशन आसान होगा. या लाकर पानागढ़ सुरक्षित पहुंचाए गए हैं.
सऊदी अरब भी भारत को इस मुश्किल घड़ी में 80 मेट्रिक टन लिक्विड ऑक्सजीन भेज रहा है. अडानी ग्रुप और लिंडे के साथ मिलकर ये सप्लाई की जा रही है.
यूरोपीय काउंसिल के प्रेसिडेंट चार्ल्स माइकल ने कहा है कि वे भारत की मदद के लिए सहायता और सपोर्ट पर 8 मई को होने वाली EU-भारत बैठक में इसपर चर्चा करेंगे.
The #EU stands in solidarity with Indian people amidst resurgent #COVID19 pandemic.
The fight against the virus is a common fight.
We will discuss our support and cooperation at EU-India Leaders’ meeting on 8 May with @narendramodi and @antoniocostapm
— Charles Michel (@eucopresident) April 23, 2021
वहीं फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भी भारत की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है. उन्होंने कहा है कि वे भारत को सहायता देने के लिए तैयार हैं.
वहीं नई दिल्ली स्थित ब्रिटेन के उच्चायुक्त ने एक वीडियो संदेश में कहा कि उनका देश महामारी से निपटने के लिए भारत को आवश्यक चिकित्सा उपकरण उपलब्ध करा रहा है। उन्होंने कहा कि दोनों देश मिलकर इस संकट को परास्त करेंगे.