इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने कहा है कि भारत बायोटेक की बनाई कोविड-19 रोधी वैक्सीन कोवैक्सीन (Covaxin) कोरोना वायरस के डबल म्यूटेंट स्ट्रेन को भी खत्म करने में कारगर है. भारत में मिले डबल म्यूटेंट (Corona Double Mutant) की वजह से कोरोना की दूसरी लहर को और खतरनाक माना जा रहा था.
ICMR ने जनकारी देते हुए कहा कि उनके अध्ययन में पाया गया है कि कोवैक्सिन SARS-CoV-2 के अलग-अलग वेरिएंट्स को बेअसर करने में कारगर है और इसमें डबल म्यूटेंट स्ट्रेन भी शामिल है.
ICMR ने कहा है कि उन्होने ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और यूके के वेरिएंट को सफलता पूर्वक आइसोलेट किया है. ICMR-NIV ने ब्राजील और यूके वेरिएंट पर कोवैक्सीन की कारगर क्षमता के बारे में मार्च 2021 की एक रिपोर्ट में जानकारी दी थी. अब ICMR-NIV ने डबल म्यूटेंट (Corona Double Mutant) को भी आइसोलेट करने में कामयाब रही है और कोवैक्सीन इसे रोकने में भी सफल रही है.
ICMR study shows #COVAXIN neutralises against multiple variants of SARS-CoV-2 and effectively neutralises the double mutant strain as well. @MoHFW_INDIA @DeptHealthRes #IndiaFightsCOVID19 #LargestVaccineDrive pic.twitter.com/syv5T8eHuR
— ICMR (@ICMRDELHI) April 21, 2021
24 मार्च को स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी थी कि भारत में कोरना वायरस के कुल 771 नए वेरिएंट मिले हैं. जिसमें से एक डबल म्यूटेंट वेरिएंट भी मिला है. हालांकि उस वक्त मंत्रालय ने कहा था कि बढ़ते मामलों को नए वेरिएंट से संबंध स्थापित नहीं हो पाया है. लेकिन बढ़ते मामलों और कोरोना वायरस के नए वेरिएंट कितनी चिंता की बात हैं इसपर ICMR के साइंटिस्ट और रिसर्चर डॉ समीरन पांडा का कहना है कि वायरस में म्यूटेशन होना आम है. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि वेरिएंट (Coronavirus Variants) से ज्यादा तेजी से ट्रांसमिशन होने का खतरा जरूर रहता है. वायरस भी सर्वाइवल के लिए म्यूटेट करते रहते हैं और जीनोम सिक्वेंसिंग के जरिए इनकी मैपिंग और इन वेरिएंट्स पर नजर रखी जा रही है.
जिनॉमिक्स पर कंसोर्शियम INSACOG के मुताबिक 18 राज्यों में वेरिएंट पाए गए हैं. INSACOG (इंडियिन SARS-CoV-2 कंसोर्शियम ऑन जिनॉमिक्स) देशभर की 10 लैब का ग्रुप है जिसका गठन 25 दिसंबर को किया गया था. यहां कोविड-19 वायरस की जिनोनॉम सीक्वेंसिंग की जा रही है.
INSACOG ने 10,787 पॉजिटिव सैंपल में से अब तक 771 ऐसे वेरिएंट्स की पहचान की थी जो चिंता का कारण हैं. इनमें से 736 पॉजिटिव सैंपल में UK (B.1.1.7) के वेरिएंट मिले हैं जबकि 34 में दक्षिण अफ्रीकी (B.1.351) वेरिएंट के हैं. वहीं 1 सैंपल ब्राजील (P.1) के वेरिएंट से पॉजिटिव पाया गया. ये वेरिएंट्स (Variants) अंतरराष्ट्रीय यात्रा से लौटे लोगों से कलेक्ट किए सैंपल से पाए गए थे.