Black Fungus: ब्लैक फंगस (Black Fungus) यानि म्यूकर माइकोसिस के इलाज में इस्तेमाल होने वाले एम्फोटेरिसिन-बी के 12,000 से ज्यादा इंजेक्शन शुक्रवार को विशेष विमान से इंदौर पहुंचे.
इसके बाद प्रशासन ने राहत की सांस ली है, क्योंकि पिछले कई दिनों से शहर में इस जीवन रक्षक इंजेक्शन की बड़ी किल्लत महसूस की जा रही थी.
इंदौर संभाग के आयुक्त पवन कुमार शर्मा ने संवाददाताओं को बताया कि एम्फोटेरिसिन-बी के 12,240 इंजेक्शनों की खेप राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर हिमाचल प्रदेश के बद्दी की एक दवा इकाई से खरीदी गई है.
शर्मा ने बताया कि इस खेप को जल्द से जल्द इंदौर लाने के लिए कुछ सरकारी अफसरों को बद्दी भेजा गया था. उन्होंने बताया, ‘उम्मीद है कि हमें अगले दो-तीन दिन के भीतर एम्फोटेरिसिन-बी के 12,000 इंजेक्शनों की एक और खेप मिल जाएगी.’
एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन की खेप के शुक्रवार को यहां पहुंचने के वक्त राज्य के जल संसाधन मंत्री और इंदौर जिले के प्रभारी तुलसीराम सिलावट भी स्थानीय देवी अहिल्याबाई होलकर हवाई अड्डे पर मौजूद थे.
अधिकारियों ने बताया कि सरकारी और निजी क्षेत्र के स्थानीय अस्पतालों में फिलहाल ब्लैक फंगस के 500 से ज्यादा मरीज भर्ती हैं.
इनमें इंदौर समेत राज्य के 16 जिलों के मरीज शामिल हैं. उन्होंने बताया कि इनमें करीब 95 प्रतिशत मरीज ऐसे हैं, जो कोविड-19 के संक्रमण से मुक्त होने के बाद ब्लैक फंगस की जकड़ में आ गए.
हैदराबाद के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान में शोधकर्ताओं ने ब्लैक फंगस/म्यूकरमाइकोसिस (Black Fungus) के इलाज के लिए एक ओरल सॉल्यूशन तैयार किया है और वे इस टेक्नोलॉजी को ट्रांसफर करने के लिए तैयार हैं.
बीते शनिवार को जारी एक रिलीज में उन्होंने कहा कि 60 मिलीग्राम की यह दवा मरीज के लिए अनुकूल होती है और शरीर में धीरे-धीरे नेफ्रोटॉक्सिसिटी (किडनी पर दवाओं और केमिकल्स के दुष्प्रभाव) को कम करती है.
इस दवा की कीमत करीब 200 रुपये है. रासायनिक अभियान्त्रिकी विभाग के प्रोफेसर सप्तर्षि मजूमदार और डॉ चंद्रशेखर शर्मा ने कालाजार के लिए प्रभावी रहने वाली नैनोफाइब्रस AMB दवा के बारे में प्रमाणिक अध्ययन किया है.