Black Fungus: हैदराबाद के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान में शोधकर्ताओं ने ब्लैक फंगस/म्यूकरमाइकोसिस (Black Fungus) के इलाज के लिए एक ओरल सॉल्यूशन तैयार किया है और वे इस टेक्नोलॉजी को ट्रांसफर करने के लिए तैयार हैं. बीते शनिवार को जारी एक रिलीज में उन्होंने कहा कि 60 मिलीग्राम की यह दवा मरीज के लिए अनुकूल होती है और शरीर में धीरे-धीरे नेफ्रोटॉक्सिसिटी (किडनी पर दवाओं और केमिकल्स के दुष्प्रभाव) को कम करती है.
इस दवा की कीमत करीब 200 रुपये है. रासायनिक अभियान्त्रिकी विभाग के प्रोफेसर सप्तर्षि मजूमदार और डॉ चंद्रशेखर शर्मा ने कालाजार के लिए प्रभावी रहने वाली नैनोफाइब्रस AMB दवा के बारे में प्रमाणिक अध्ययन किया है.
Oral solution for ‘black fungus’ is now ready for technology transfer, says @IITHyderabad Researchers
Highlights:
•A 60 mg AmB tablet ~Rs. 200
•Patient-friendly
•Slow & sustained release
•Reduced NephrotoxicityRead Official Press Release: https://t.co/WPeQ8qWQ7W pic.twitter.com/eaAe4NQQyr
— IIT Hyderabad (@IITHyderabad) May 29, 2021
इस विषय पर जानकारी देते हुए संस्थान ने कहा, “दो साल के अध्ययन के बाद रिसर्चर्स इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि इस टेक्नोलॉजी को बड़े स्तर पर उत्पादन के लिए उचित फार्मा साझेदारों को ट्रांसफर किया जा सकता है. इस विषय में आगे बताते हुए उन्होंने कहा, “फिलहाल देश में ब्लैक (Black Fungus) और अन्य तरह के फंगस के इलाज के लिए कालाजार के इलाज का इस्तेमाल किया जा रहा है और इसकी उपलब्धता और किफायती दर को देखते हुए इस दवा के इमरजेंसी और तत्काल ट्रायल की अनुमति दी जानी चाहिए.”
Simply phenomenal! – researchers at @IITHyderabad have developed oral tablets of #AmphotericinB to treat post #COVID19 fungal infections.
Funded by @IndiaDST's Nanomission, the team has kept tech free of IP rights to enable quick mass production of the drug, once approved. https://t.co/OQblRWklGO
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) May 30, 2021
डॉ चंद्रशेखर शर्मा ने कहा कि ये टेक्नोलॉजी बौद्धिक संपदा अधिकार से पूरी तरह से मुक्त है. ऐसा इसलिए, ताकि इसका व्यापक स्तर पर उत्पादन हो सके और जनता के लिए यह किफायती और सरलता से उपलब्ध रहे.
https://bit.ly/2TzK8K7
इससे पूर्व बीते वर्ष आईआईटी हैदराबाद ने घर में ही जांच करने वाली कोरोना किट का भी निर्माण किया था. इस किट से 20 मिनट के अंदर लक्षण और गैर लक्षण वाले मरीजों की जांच रिपोर्ट मिल जाती थी. इस किट की कीमत 550 रुपये प्रति किट थी.