जहां देश के विभिन्न जिले वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार से जूझ रहे हैं, वहीं गुजरात के एक जिले ने इस मामले में कमाल कर दिया है. वहां 45 वर्ष से अधिक आयु वाले लोगों का करीब 98 फीसदी वैक्सीनेशन हो गया है. इस जिले का नाम है बनासकांठा (Banaskantha).
बनासकांठा (Banaskantha) में एक महीने में 45 से अधिक आयु वर्ग में 6.17 लाख लोगों की आबादी के मुकाबले 6.04 लाख से अधिक लोगों को वैक्सीन की कम से कम एक खुराक दी गई है.
टीकाकरण के मामले में बनासकांठा जिला सबसे आगे है. जिले में 45 वर्ष से अधिक आयु के 98% लोगों को टीके का प्रथम डोज (खुराक) दी जा चुकी है.
इसके लिए प्रशासन ने एक व्यापक रणनीति तैयार की थी. इसके तहत सिर्फ एक महीने में 45 से अधिक आयु वर्ग में 6.17 लाख लोगों की आबादी के मुकाबले 6.04 लाख से अधिक लोगों को वैक्सीन की कम से कम एक खुराक दे दी गई है.
जिले के प्रभारी सचिव विजय नेहरा ने टीकाकरण अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. टीकाकरण शुरू होने के दिन से अधिकतम लोगों को कवर किया गया.
स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा 50 से 55 हजार दैनिक टीकाकरण का लक्ष्य हासिल किया गया. टीकाकरण को सफल बनाने के लिए धार्मिक गुरुओं, दूध मंडियों, पंचायत सदस्यों, सखी मंडलों, व्यापारियों, एपीएमसी आदि को प्रोत्साहित किया. इसके अलावा लोग खुद चलकर टीका लगवाने भी आए. दूसरा गांव-गांव घूमकर टीकाकरण किया गया.
कोरोना के खिलाफ लड़ाई में वैक्सीन ही कारगर हथियार है और इस हथियार का प्रयोग करने में गुजरात कई राज्यों से आगे निकल चुका है. गुजरात में टीकाकरण जोरो पर है. 12 मई तक 1.45 करोड़ लोगों का टीकाकरण हो चुका है.
बुधवार को 1.87 लाख लोगों को वैक्सीन लगाई गई. 27 लाख से अधिक लोगों को वैक्सीन का दूसरा डोज दिया जा चुका है. जबकि 18 से 44 आयु के कुल 3,86,743 लोगों का वैक्सीनेशन हो चुका है.
वैक्सीनेशन में गुजरात और महाराष्ट्र के बाद राजस्थान के साथ दूसरे नंबर पर है. राजस्थान में भी 1.45 करोड़ लोगों का वैक्सीनेशन हुआ है. राज्य में 55 फीसदी के मुकाबले देश में केवल 40% टीकाकरण किया गया है.
गुजरात में 45 वर्ष से अधिक आयु के 55 प्रतिशत लोगों को वैक्सीन की पहली खुराक दे दी गई है.