शेयर बाजार में शुक्रवार को HDFC Limited, HDFC Bank के शेयरों में बड़ी गिरावट देखी गई. दूसरी ओर ऑटो सेक्टर की कंपनी TVS Motor का शेयर शानदार तेजी के साथ 52 हफ्ता के ऊपरी स्तर पर पहुंच गया. आखिर क्या है वजह, आइए समझते हैं-
कारोबार के दौरान HDFC Limited और HDFC Bank दोनों शेयरों ने शुक्रवार 5 मई को 5 फीसदी से ज्यादा का गोता खाया. दोनों शेयरों में बीते एक साल में यह एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट है. इस गिरावट के चलते दोनों कंपनियों के कुल मार्केट कैप में 80,000 करोड़ रुपए से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है. इसकी वजह है Morgan Stanley Composite Index यानी MSCI की घोषणा जो कि इन दोनों कंपनियों के मर्जर से जुड़ी है. मर्जर के बाद बनी नई कंपनी के MSCI इंडेक्स में वेटेज की computing यानी गणना करने के लिए 0.50 का adjustment factor इस्तेमाल करने की घोषणा की गई है. इससे HDFC Bank के शेयर में $15 करोड़ डॉलर की बिकवाली आने की आशंका है.. हालांकि बाजार का मानना था कि 1.0 का adjustment factor इस्तेमाल किया जाएगा जिससे शेयर में करीब 3 अरब डॉलर की खरीदारी होने की उम्मीद थी. माना जा रहा है कि बाकी इंडेक्स भी इसी तरह का कदम ले सकते हैं जिस वजह से शेयरों में तेजी गिरावट देखी गई. लेकिन एनालिस्ट्स का मानना है कि लंबी अवधि के निवेशकों को गिरावट पर शेयर में खरीदारी करनी चाहिए क्योंकि ये गिरावट केवल छोटी अवधि तक ही सीमित रहेगी.
तिमाही नतीजों से चमका TVS Motor का शेयर
ऑटो कंपनी TVS Motor के शेयर ने शुक्रवार 5 मई को 1234.95 रुपए का 52 हफ्ते का नया उच्चतम स्तर छुआ है. इसकी प्रमुख वजह कंपनी के शानदार वित्तीय नतीजे हैं. नतीजों में सबसे बड़ा मजबूत पक्ष कंपनी के कामकाजी मार्जिन है जो 10 फीसदी के पार रहा है. जबकि अनुमान 10 फीसदी से नीचे रहने का था. यह लगातार छठी तिमाही है जब कंपनी के मार्जिन 10 फीसदी के पार रहे हैं. वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में कंपनी के मार्जिन गिरावट के अनुमान के विपरीत रहे. इस अवधि यह बढ़कर 10.3 फीसदी पर रहे हैं जोकि पिछले साल की इसी तिमाही में 10.1 फीसदी पर रहे थे. क्योंकि कामकाजी मुनाफा 557 करोड़ रुपए से 22 फीसद बढ़कर 680 करोड़ रुपए पर रहा है.. इस दौरान आय 5530 करोड़ रुपए से 19.4 फीसदी बढ़कर 6605 करोड़ रुपए पर रही है और मुनाफा 275 करोड़ रुपए से 49 फीसदी बढ़कर 410 करोड़ रुपए पर रहा है. हालांकि मुनाफे में आय से ज्यादा बढ़ोतरी के पीछे अन्य आय का आंकड़ा है जो साल दर साल 8 करोड़ रुपए से बढ़कर 71 करोड़ रुपए पर रही है.