एयर इंडिया के पायलट संगठनों आईपीजी और आईसीपीए ने शनिवार को टाटा समूह की एयरलाइन की नयी उड़ान सेवा और आराम अवधि योजना पर गहरी चिंता जताई. इन संगठनों ने आरोप लगाया कि कंपनी डीजीसीए के मानदंडों से हट रही है. दो यूनियनों – इंडियन पायलट्स गिल्ड (आईपीजी) और इंडियन कमर्शियल पायलट्स एसोसिएशन (आईसीपीए) ने नागर विमानन महानिदेशालय को संयुक्त रूप से लिखे एक पत्र में यह आरोप लगाया.
पत्र में कहा गया है कि एयर इंडिया ने उड़ान सेवा अवधि सीमा (एफडीटीएल) के साथ एक अतिरिक्त नीति की शुरुआत की है, जो डीजीसीए ”अधिकार और उद्देश्य को कमजोर” करते हुए प्रतीत होते हैं. पायलट यूनियनों ने डीजीसीए से इस मुद्दे की समीक्षा और मूल्यांकन की भी मांग की है. इस मामले के समाधान के लिए उचित कदम उठाने का अनुरोध भी किया गया है.
पायलटों और चालक दल के सदस्यों की उड़ान सेवा अवधि विमानन सुरक्षा नियामक डीजीसीए नियंत्रित करता है. नियामक ने पिछले महीने पायलटों के लिए अधिक आराम के घंटों का प्रस्ताव दिया था.