डिजिटल लेंडिंग कंपनी पैसालो (PAISALO DIGITAL) पर आरोप है कि वह ग्राहकों को दिए जाने वाले कर्ज के बदले 125 फीसद सालाना की दर से ब्याज वसूल रही है. कंपनी से कर्ज लेने वाले एक ग्राहक ने इसको लेकर शिकायत भी की है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ग्राहक का आरोप है कि 2019 की मई में उसने कंपनी से 15.9 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था. एक महीने बाद वह कर्ज बढ़कर 23 करोड़ रुपए हो गया. इस मामले पर हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद 4 हफ्ते के भीतर कंपनी से जवाब देने को कहा है. हालांकि, मीडिया रिपोर्ट्स यह भी कहा गया है कि हाईकोर्ट ने इस मामले पर शेयर बाजार रेग्युलेटर सेबी और बैंकिंग रेग्युलेटर RBI से भी जवाब मांगा गया है. इस रिपोर्ट के बाद कंपनी ने अपनी सफाई में कहा है कि उसके खिलाफ किसी भी रेग्युलेटर को जांच के लिए नहीं कहा गया है.
Paisalo डिजिटल के शेयर हुए धड़ाम
इस खबर के आने के तुरंत बाद Paisalo Digital के शेयरों में 20 प्रतिशत की गिरावट देखी गई और इसके शेयर 140.20 रुपये के स्तर पर आ गए. पैसालो के स्टॉक्स ने 1 महीने में 7.05 प्रतिशत, 1 साल में 144.48 प्रतिशत और 5 साल में लगभग 381 प्रतिशत का मुनाफा दिया
Paisalo Digital ने क्या कहा?
मीडिया रिपोर्ट्स का जवाब एक्सचेंज फाइलिंग के जरिये देते हुए Paisalo Digital ने कहा है कि दिल्ली हाई कोर्ट ने किसी भी नियामक को जांच के लिए निर्देशित नहीं किया है. कंपनी ने जानकारी दी है कि मेसर्स सत प्रिया मेहामिया मेमोरियल एजुकेशन ट्रस्ट ने 24 मार्च 2018 को 12 करोड़ रुपये का लोन लिया था और ये कंपनी डिफॉल्ट कर गई थी. इस कर्ज लेने वाले ट्रस्ट ने सिर्फ 25 लाख रुपये का भुगतान किया. जिस जमीन को कंपनी को गिरवी को गिरवी रखते हुए ट्रस्ट ने लोन लिया था उसे ट्रस्ट और अधिकारियों ने मिलकर बेच दिया और इसे ाितंबर
2019 में लॉस एसेट के तौर पर दर्शाया.
पैसालो डिजिटल ने स्टॉक एक्सचेंजों दी गई जानकारी में कहा है कि इस डिफॉल्टर ट्रस्ट और इसके अधिकारियों के खिलाफ कई कानूनी कदम उठाए गए और एफआईआर भी दर्ज करवाई गई. इस डिफॉल्टर ने हाई कोर्ट के 25 जनवरी 2024 के आदेश का उल्लंघन भी किया है जिसमें गिरवी रखे जमीन पर यथास्थिति बरकरार रखने को कहा गया था. दिल्ली हाई कोर्ट ने पैसालो को आदेश दिया था, ‘नोटिस जारी किया जाए और 4 हफ्ते में जवाब दाखिल किया जाए.’