शेयर बाजार की इस साल हालत बहुत अच्छी नहीं रही है. बाजार में खूब उतार-चढ़ाव का दौर है. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का Nifty किसी दिन 100 अंक चढ़ जाता है तो किसी दिन 200 अंक गिर जाता है, लेकिन इस बीच 8 दिग्गज शेयर खूब चले हैं. अब बड़ा सवाल यह है कि क्या आगे भी ये शेयर चलेंगे और क्या लार्जकैप शेयरों में ही निवेश सही है? सबसे पहले तो यह देखते हैं कि निफ्टी कि इस साल चाल कैसी रही? कुल मिलाकर देखें तो 2023 में अब तक निफ्टी ने कुछ खास प्रदर्शन नहीं किया. 5 मई तक के डेटा को देखें तो इनमें महज 0.2% का रिटर्न मिला यानी यह लगभग सपाट रहा है.
निफ्टी-50 का प्रदर्शन
30 दिसंबर 2022 18,105.30
5 मई 2023 18,069
रिटर्न -0.2%
Source: nseindia.com
हालांकि 20 मार्च के निचले स्तर से इंडेक्स में करीब 7.5 फीसदी की शानदार रिकवरी आई है. इस साल 4 मई को निफ्टी ने 18,267.45 की ऊंचाई को छुआ, जोकि साल 2023 का अब तक का उच्चतम स्तर है. अप्रैल महीने में शानदार प्रदर्शन के बाद मई में भी बाजार में बढ़त का सिलसिला जारी है. अप्रैल महीने में 4.1 फीसदी की 2023 की सबसे बड़ी मासिक तेजी के बाद मई के पहले हफ्ते में भी बाजार में बढ़त का रुझान जारी रहा. बावजूद इसके कि 5 मई को निफ्टी ने करीब 187 अंकों का गोता लगाया. अप्रैल 2023 में निफ्टी की 50 में से 46 कंपनियों ने पॉजिटिव और केवल 3 कंपनियों ने निगेटिव रिटर्न दिया.
अब यह भी जान लेते हैं कि शेयर बाजार को कहां से मिला सहारा? तो मार्च 2023 के निचले स्तरों से भारतीय बाजारों को कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट, विदेशी निवेशकों की ओर से खरीदारी का रुझान लौटने, फेड की ओर से दरों में बढ़ोतरी रोकने की संभावना और चौथी तिमाही के नतीजों में स्थिरता समेत कई फैक्टर्स ने सहारा दिया है. बाजार को सहारा मिलने की दूसरी वजह है, विदेशी निवेशकों की खरीदारी का रुझान. विदेशी निवेशकों की ओर से मार्च महीने से शुरू हुआ खरीदारी का रुझान मई के पहले महीने में भी जारी रहा.
तीसरी वजह है, फेड की ओर से दरों में बढ़ोतरी रोकने की संभावना 3 मई की बैठक के बाद आए फैसले में फेड ने आगे दरों में बढ़ोतरी आंकड़ों पर निर्भर करने के संकेत दिए हैं. अमेरिका में दरें 16 साल की ऊंचाई पर पहुंचने के बाद आगे दरों में स्थिरता यानी बढ़ोतरी पर रोक की संभावना जताई जा रही है. चौथी एक वजह यह दिख रही है कि चौथी तिमाही के नतीजों में स्थिरता है. भारत में अब तक कंपनियों के चौथी तिमाही के नतीजों में स्थिरता देखने को मिली है. बैंकों के नतीजे तो जबर्दस्त रहे हैं.
अब आता है यह सवाल कि निफ्टी को किन कंपनियों से सहारा मिल रहा है? असल में, भले ही साल 2023 में अब तक निफ्टी-50 ने -0.2% का रिटर्न दिया है पर निफ्टी की कुछ चुनींदा कंपनियां इसे सहारा दे रही हैं. 8 कंपनियां 10 फीसदी से 30 फीसदी तक का रिटर्न दे चुकी हैं.
निफ्टी की रिकवरी में योगदान
कंपनी रिटर्न*
ITC 29.32%
Bajaj Auto 23.42%
Tata Motors 22.98%
Dr. Reddy’s 16.64%
L&T 13.99%
Power Grid 12.8%
Nestle 12.31%
BPCL 10.57%
*5 मई तक Source: Money9 Research
अब बड़ा सवाल ये है कि क्या बाजार की तेजी जारी रहेगी? यानी आगे बाजार में क्या होगा?
साल 2024 के अनुमानित EPS के आधार पर निफ्टी-50 का 16.6 गुना का PE मल्टीपल दर्शाता है कि वैल्युएशन सस्ते हैं. खासकर महंगाई में जारी कमी और RBI की ओर से रेपो रेट स्टेबल रखने से बाजार को आगे सपोर्ट मिलने की उम्मीद है. एक्सपर्ट का कहना है कि शेयर बाजार में आगे निवेश के काफी मौके बनेंगे जिन पर सचत होकर नजर रखनी चाहिए. इस साल अंत तक अमेरिका में ब्याज दरों में कुछ कटौती की उम्मीद है यानी इकोनॉमी के मैक्रो इंडिकेटर्स में सुधार हो रहा है, कच्चे तेल में भी नरमी आई है. लेकिन माइक्रो इंडिकेटर बहुत अच्छे नहीं हैं.