भारतीय आईटी सर्विस (IT Service) इंडस्ट्री में अगली दो-तीन तिमाहियों में नियुक्तियां कम हो सकती हैं. इसकी वजह मांग में मंदी है. क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ICRA की रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 महामारी के बाद डिजिटलीकरण की मांग में तेजी आने से भारतीय आईटी सर्विस कंपनियों ने वित्त वर्ष 2021 की दूसरी तिमाही से वित्त वर्ष 2023 की दूसरी तिमाही के दौरान बड़े पैमाने पर नियुक्तियां की. प्रतिभा की बढ़ती मांग के कारण इंडस्ट्री में नौकरी छोड़ने की दर भी बढ़ी है.
आईटी क्षेत्र में नौकरी बछोड़ने की दर ढ़कर 22-23 फीसदी हो गई. इसके चलते इंडस्ट्री की टॉप-5 कंपनियों ने वित्त वर्ष 2022 में रिकॉर्ड 2,73,000 कर्मचारियों और वित्त वर्ष 2023 की पहली छमाही में 94,400 अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति की. यानी इस अवधी में बड़े स्तर पर नियुक्तियां हुई हैं. रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही के बाद से, वैश्विक व्यापक आर्थिक माहौल में अनिश्चितता के कारण आईटी सर्विस में मांग कम होती चली गई. इससे इस अवधि के दौरान कर्मचारियों में बढ़ोतरी नकारात्मक रही. दरअसल, इस अवधि में कंपनियों ने नियुक्तियां कम कर दी और उपयोग स्तर में सुधार पर ध्यान केंद्रित किया. इस कटौती से हाल की तिमाहियों में आईटी कंपनियों को अपने कर्मचारी लागत और लाभ मार्जिन बनाए रखने में मदद मिली है.
ICRA को उम्मीद जताई है कि प्रमुख बाजारों जैसे- अमेरिका और यूरोप में इस समय युद्ध और अनिश्चित व्यापक आर्थिक माहौल के कारण भारतीय आईटी सर्विस इंडस्ट्री की राजस्व वृद्धि वित्त वर्ष 2024 में यूएसडी के संदर्भ में 3-5 फीसदी तक कम होकर वित्त वर्ष 2023 में यह 10 फीसदी हो सकती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले कुछ तिमाहियों तक मंदी जारी रह सकती है. जिससे इंडस्ट्री में नियुक्तियों में कुल मिलाकर मंदी आएगी. इसमें कहा गया है कि हाल की तिमाहियों में नौकरी छोड़ने की दर में गिरावट आई है, जिससे इंडस्ट्री में डिमांड-सप्लाई मिसमैच को कम करने में मदद मिली है.