CCI के रडार पर कुछ फिनटेक संस्‍थाएं, चल रही है जांच

CCI की चीफ रवनीत कौर ने कहा कि नियामक प्रतिस्पर्धी डिजिटल बाजार सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कार्रवाई कर रहा है.

CCI के रडार पर कुछ फिनटेक संस्‍थाएं, चल रही है जांच

निष्पक्ष व्यापार निगरानी संस्था भारतीय प्रतिस्‍पर्धा आयोग (CCI) कुछ फिनटेक कंपनियों के खिलाफ जांच कर रहा है. जांच यह जानने के लिए की जा रही है कि क्या टेक्नोलॉजी का फायदा उठाने के उनके तरीके कॉम्पिटीशन को प्रभावित कर रहे हैं. CCI की चीफ रवनीत कौर ने कहा कि नियामक प्रतिस्पर्धी डिजिटल बाजार सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कार्रवाई कर रहा है. कई संशोधित नियमों, डिजिटल बाजार में कॉम्पिटीशन-रोकने वाले तरीकों के खिलाफ प्रमुख फैसलों और वकालत के प्रयासों के साथ, CCI अनुचित व्यापारिक तरीकों पर रोक लगाने के अपने प्रयासों को मजबूत कर रहा है.

रेगुलेशन और फ्रीडम के बीच संतुलन

भारतीय कॉम्पिटीशन आयोग (CCI) की अध्यक्ष रवनीत कौर ने कहा कि कॉम्पिटीशन कानून के बारे में संस्थाओं के बीच संवेदनशीलता बढ़ी है. उन्होंने जोर देकर कहा कि उनका ध्यान “रेगुलेशन और फ्रीडम के बीच सही संतुलन बनाने” पर है. उनके अनुसार, नियामक का ध्यान बड़ी तकनीकी कंपनियों के साथ-साथ फिनटेक और ऑनलाइन इंटरमीडियरी सर्विस प्रोवाइडर सहित कई अन्य क्षेत्रों पर है. उन्होंने कहा कि हमारा ध्यान एक ऐसा परिवेश बनाने पर रहता है, जहां कॉम्पिटिशन हो.

फिल्म उद्योग की जांच

कौर ने कहा, “CCI फिनटेक सेक्टर की कुछ इकाइयों से पूछताछ कर रही है. हम इस बात पर गौर कर रहे हैं कि फिनटेक खिलाड़ी टेक्नोलॉजी का लाभ कैसे उठा रहे हैं और क्या वे बाजार में कॉम्पिटीशन को प्रभावित कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस संबंध में पूछताछ जारी है. मामले के बारे में ज्यादा जानकारी दिए बिना उन्होंने यह भी कहा कि नियामक खासकर फिल्म वितरकों से संबंधित फिल्म उद्योग में कुछ मामलों को देख रहा है.

पेंडिंग पड़ी जांच

अगस्त 2023 में, कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने राज्यसभा को सूचित किया था कि अमेजन और फ्लिपकार्ट सहित कई कंपनियों के खिलाफ जांच सीसीआई के सामने पेंडिंग थी. कॉर्पोरेट मामलों के राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने उच्च सदन को एक लिखित उत्तर में कहा था कि अमेजन और फ्लिपकार्ट, बुकमायशो, जोमैटो और स्विगी, व्हाट्सएप और फेसबुक (मेटा), एप्पल और गूगल के खिलाफ जांच वर्तमान में सीसीआई के सामने पेंडिंग है. यह जांच उन मामलों के अलावा थी जहां अधिनियम की धारा 27 के तहत आदेश पहले ही पारित हो चुके हैं.

Published - March 28, 2024, 12:34 IST