एयर इंडिया (Air India) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक कैंपबेल विल्सन ने कहा कि एयर इंडिया को अगले 18 महीनों में हर छह दिन में नए विमान मिलेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की सेवा के लिए एयरलाइन की ओर से 470 विमानों के ऑर्डर दिए गए हैं. विल्सन ने सिंगापुर में एसोसिएशन ऑफ एशिया पैसिफिक एयरलाइंस के अध्यक्षों की 67वीं सभा को संबोधित करते हुए ये बातें कही.
इन कर्मचारियों की भर्ती पर फोकस
कैंपबेल विल्सन ने कहा कि टाटा के स्वामित्व वाली एयर इंडिया के पास नए विमान हैं जिसके लिए हम कई नए पायलट, क्रूज मेंबर और बाकी कर्मचारियों की भर्ती कर रहे हैं. साथ ही इसके प्रशिक्षण व्यवस्था में सुधार भी कर रहे हैं, और हमे आगे अभी और काम करना है. हम अच्छी प्रगति कर रहे हैं. विल्सन ने कहा कि एयर इंडिया के अधिकांश ग्राहक विश्वसनीयता और समयबद्धता चाहते हैं ऐसे में विमानन कंपनी के सामने ग्राहकों की इन मांगों पर काम करना बड़ी चुनौती है. विल्सन ने कहा कि इसके अलावा, नए विमानों को अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर रखा जा रहा है और अधिकांश ग्राउंडेड विमानों को रीस्टोर कर दिया गया है।
एयर इंडिया ने दिया है 470 विमानों का ऑर्डर
कैंपबेल विल्सन ने कहा कि एयर इंडिया ने भारतीय अर्थव्यवस्था की सेवा के लिए 470 विमानों का ऑर्डर दिया है, जो 8 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़ रही है और इसे अगले 18 महीनों में हर छह दिन में एक नया विमान मिलने वाले हैं. उन्होंने अन्य एयरलाइनों के साथ प्रतिस्पर्धा करने, ग्राहकों की मांगों पर खड़े उतरने और एयर इंडिया के लिए यातायात बढ़ाने का भी विश्वास दिया है.
महामारी के बाद बढ़े हवाई यात्री
एसोसिएशन ऑफ एशिया पैसिफिक एयरलाइंस के महानिदेशक सुभाष मेनन की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार, भारत में हवाई यात्रा की मांग 2019 से अब तक 20 प्रतिशत अधिक है. यानी हवाई यात्रियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. उन्होंने कहा कि दुनिया भर में महामारी के बाद अनलॉक होने से एशिया प्रशांत क्षेत्र की हवाई यात्रा में 69 प्रतिशत का सुधार हुआ है. 2022 में एशिया प्रशांत क्षेत्र में यात्री यातायात में 171 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि क्षमता वृद्धि 130 प्रतिशत धीमी रही. अंतरराष्ट्रीय हवाई परिवहन अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) में नियमों और मानदंडों के एक साझा ढांचे के तहत संचालित है. उन्होंने कहा कि इस ढांचे से एकतरफा हटने से सुरक्षा, स्थिरता, सुरक्षा और सीमा पार आवागमन जैसे इसके स्तंभों पर असर पड़ता है.