कारोबारी घरानों को बतानी होगी हर बात

बाजार नियामक सेबी ने पारदर्शिता बढ़ाने के लिए बड़े कारोबारी घरानों के लिए खुलासा नियमों को बनाया जाएगा और ज्‍यादा सख्‍त.

कारोबारी घरानों को बतानी होगी हर बात

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) कारोबारी घरानों के लिए खुलासा नियमों को और सख्‍त बनाने जा रहा है. सेबी कंपनियों को अपनी ग्रुप कंपनियों या कॉन्‍गलोमेरेट लेवल पर खुलासा करने को अनिवार्य बनाने पर विचार कर रहा है. इसमें लिस्‍टेड कंपनियों का अपने समूह की अन्‍य अनलिस्‍टेड कंपनियों के साथ किए जाने वाले वित्‍तीय लेनदेन को भी शामिल किया जाएगा. कॉरपोरेट कारोबार में पारदर्श‍िता बढ़ाने के लिए सेबी यह कदम उठाएगा.

अभी लिस्‍टेड यानी शेयर बाजार में सूचीबद्ध कंपनियों को अपने कारोबार के बारे में व्‍यापक तौर पर खुलासा नियमों का पालन करने की जरूरत होती है. लेकिन अनलिस्‍टेड कंपनियों को किसी तरह के खुलासे की जरूरत नहीं होती और आम लोगों को यह नहीं पता चल पाता कि इन कंपनियों के भीतर क्‍या चल रहा है.

यानी एक ही समूह की लिस्‍टेड कंपनी के बारे में तो पूरी जानकारी एक्‍सचेंजों के जरिए लोगों को मिल जाती है, लेकिन उसी समूह की अनलिस्‍टेड कंपनियों में क्‍या हो रहा है, इसका खुलासा नहीं हो पाता. हाल ही में अदानी ग्रुप हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट को लेकर चर्चा में रहा है. जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि समूह की कई कंपनियों में कॉरपोरेट गवर्नेंस के मानकों का पालन नहीं किया गया है. इसमें समूह की कंपनियों के भीतर रिलेटेड पार्टी ट्रांजेक्‍शन को लेकर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं. इसके बारे में 14 अगस्‍त तक सेबी को सुप्रीम कोर्ट में स्‍टेट्स रिपोर्ट भी देनी है.

सेबी ने वित्‍त वर्ष 2022-23 की सालाना रिपोर्ट में कहा है कि किसी कॉन्‍गलोमेरेट के अनलिस्‍टेड कंपनियों के जरिए सिक्‍योरिटी मार्केट ईकोसिस्‍टम के लिए जो जोख‍िम हो सकता है उसकी पहचान, निगरानी और प्रबंधन की जरूरत है. यही नहीं सेबी कॉन्‍गलोमेरेट्स में पारदर्श‍िता को बढ़ाने के लिए ग्रुप लेवल पर होने वाले लेनेदन की रिपोर्टिंग को और सख्‍त बनाएगा. किसी समूह के भीतर सालाना आधार पर क्रॉस होल्डिंग और बड़े फाइनेंश‍ियल ट्रांजेक्‍शन के बारे में खुलासे को अनिवार्य बनाया जा सकता है. क्रॉस होल्डिंग का मतलब होता है कि जब समूह की एक कंपनी समूह की अन्‍य कंपनियों में भी शेयरधारक हो. भारत के टॉप कॉन्‍गलोमेरेट्स में रिलायंस इंडस्‍ट्रीज, टाटा ग्रुप, आदित्‍य बिरला ग्रुप, महिंद्रा ग्रुप, बजाज ग्रुप, अदानी ग्रुप आदि शामिल हैं.

Published - August 8, 2023, 01:01 IST