अब बढ़ेगी बॉन्ड बाजार की चमक

बाजार नियामक सेबी ने लिया अहम फैसला

अब बढ़ेगी बॉन्ड बाजार की चमक

Corporate bonds. Image: Freepik

Corporate bonds. Image: Freepik

पूंजी बाजार नियामक सेबी ने कॉर्पोरेट बॉन्ड बाजार के विकास को बढ़ावा देने के मकसद से म्यूचुअल फंड हाउसों को कमर्शियल पेपर्स और सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट (CD) जैसी प्रतिभूतियों में रेपो लेनदेन में निवेश की मंजूरी दी है. इनका उपयोग शॉर्ट टर्म लोन लेने के लिए किया जाता है. इसके अलावा म्यूचुअल फंड कंपनियां रेपो से जुड़े “एए” रेटिंग वाले बॉन्ड में निवेश कर सकेंगी. इस सिलसिले में सेबी ने एक सर्कुलर जारी कर कहा है कि नए नियम तत्‍काल प्रभाव से लागू हैं.

रेपो लेनदेन को बिक्री पुनर्खरीद समझौते के रूप में भी जाना जाता है. इसमें एक पक्ष किसी अन्य पार्टी को एक कीमत पर संपत्ति बेचता है और भविष्य में दूसरी पार्टी से अलग कीमत पर उसी को दोबारा खरीदता है. नए नियम के तहत एक फंड हाउस दूसरे फंड हाउस से प्रचलित बाजार दर पर शॉर्ट टर्म लोन लेने के लिए अपने कॉर्पोरेट बॉन्ड, सीपी या सीडी को सिक्‍योरिटी के तौर रख सकता है.

सेबी ने यह भी कहा कि लेनदेन के लिए जहां क्लियरिंग कॉरपोरेशन की ओर से निपटान की गारंटी दी जाती है, निवेश की यह सीमा समूह निवेश, एकल निवेश और सेक्टरोल निवेश में लागू नहीं होगी. इससे पहले, पिछले महीने सेबी ने कॉरपोरेट बॉन्ड बाजार के विकास के लिए रेपो सेगमेंट में त्रिपक्षीय पार्टी का प्रस्‍ताव रखा था. जिसमें एनबीएफसी, बीमा कंपनियों और म्‍यूचुअल फंड हाउसों की सीधी भागीदारी की बात कही गई थी.

नियामक की यह पहल पूंजी बाजार के दायरे को बढ़ाने और कारोबार में पारदर्शिता लाने की कवायद का हिस्सा है. सेबी का मकसद देश के बॉन्ड बाजार को निवेश के लिए आकर्षक बनाना है. सेबी के म्यूचुअल फंड कंपनियों को रेपो से जुड़े एए रेटिंग वाले बाण्ड में निवेश की अनुमति देने से नई कंपनियों को फंड जुटाने में आसानी होगी. साथ ही निवेशकों को बेहतर रिटर्न मिलने की संभावनाएं बढ़ेंगी.

Published - June 9, 2023, 07:36 IST