पूंजी बाजार नियामक सेबी ने वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) में निवेशकों को शामिल करने के प्रावधानों में बदलाव कर दिया है. यह संशोधन धनशोधन निवारण (अभिलेखों का रखरखाव) नियम, 2005 में किए गए संशोधन को ध्यान में रखते हुए किया गया है. नया प्रारूप तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएगा. एआईएफ मानकों के नियम 10 (ए) में निवेशकों को शामिल करने के मानदंड निर्धारित किए गए हैं. इसमें एआईएफ की यूनिट जारी कर किसी भी तरह के निवेशक- भारतीय, विदेशी या अनिवासी भारतीयों से धन जुटाने की अनुमति दी गई है.
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने शुक्रवार को अपने परिपत्र में कहा कि निवेशकों को एआईएफ का हिस्सा बनाते समय कोष प्रबंधक को यह सुनिश्चित करना होगा कि निवेशक या उसके मालिक को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध सूची में न रखा गया हो. इसके अलावा निवेशक को वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) द्वारा रणनीतिक धनशोधन-रोधी या आतंकवाद वित्तपोषण से निपटने के लिए चिह्नित देश का भी निवासी नहीं होना चाहिए.
यदि पहले एआईएफ में शामिल हो चुका कोई निवेशक अब इन शर्तों को पूरा नहीं कर पा रहा है तो एआईएफ प्रबंधक उस निवेशक से इन शर्तों का अनुपालन नहीं करने तक आगे पूंजी योगदान नहीं ले सकता है. इस कदम का मकसद एआईएफ निवेश के संदर्भ में अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों और धनशोधन-रोधी कदमों का अनुपालन करना है.