SBI का Jio पेमेंट्स बैंक से मोहभंग, लगातार घट रही है हिस्सेदारी

जब सदस्यों के पास 25 फीसद से अधिक हिस्सेदारी हो तो इसे ब्लॉक कर सकते हैं.

SBI का Jio पेमेंट्स बैंक से मोहभंग, लगातार घट रही है हिस्सेदारी

भारतीय स्टेट बैंक की Jio पेमेंट्स बैंक में हिस्सेदारी घट रही है. जियो पेमेंट्स बैंक की स्थापना के बाद से स्थापना के बाद से SBI की हिस्सेदारी 30 फीसद बनी हुई हैं. हालांकि वित्त वर्ष 2023 में यह घटकर 23 फीसद हो गई है, जो भुगतान बैंक व्यवसाय मॉडल में इसकी उदासीनता को दिखाता है. 25 फीसद से कम हिस्सेदारी का मतलब यह भी है कि अब SBI अपने सात साल पुराने जॉइंट वेंचर में विशेष प्रस्तावों को ब्लॉक नहीं कर पाएगा.

अंग्रेजी बिजनेस वेबसाइट मिंट के मुताबिक जियो पेमेंट्स बैंक की नियामक फाइलिंग में निदेशकों के नोट से पता चला है कि SBI दो Jio पेमेंट्स बैंक राइट्स इश्यू से दूर रहा. जबकि SBI के जॉइंट वेंचर पार्टनर रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) ने 29 नवंबर को 1 करोड़ शेयर और 23 जनवरी को 7 करोड़ शेयर खरीदे. FY22 में, SBI ने जॉइंट वेंचर में ₹9.48 करोड़ लगाए थे.

कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 114 के अनुसार, एक विशेष प्रस्ताव तब पारित किया जा सकता है जब कंपनी के कम से कम 75 फीसद सदस्य प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करते हैं. इसका मतलब है कि जब सदस्यों के पास 25 फीसद से अधिक हिस्सेदारी हो तो इसे ब्लॉक कर सकते हैं.

मिंट के मुताबिक बैंक सक्रिय रूप से साझेदारी छोड़ने पर भी विचार कर सकता है, लेकिन यह रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ उसकी बातचीत पर निर्भर करेगा. वाणिज्यिक बैंकों में UPI के आने के बाद भुगतान बैंकों में रुचि कम हो रही है. पिछले कुछ वर्षों में भुगतान को सरल बनाया गया है और बैंक ने उद्यम में कोई और पूंजी नहीं लगाने का फैसला किया है.

Published - November 22, 2023, 06:59 IST