दुनिया के प्रमुख तेल निर्यातक देश सऊदी अरब ने भारत में पेट्रोल-डीजल (Petrol- Diesel Price) सस्ता होने की उम्मीद तोड़ दी है. सऊदी अरब ने रोजाना तेल उत्पादन में 10 लाख बैरल की कटौती के फैसले को इस साल के अंत तक लागू रखने का फैसला किया है, जिसकी वजह से विदेशी बाजार में कच्चे तेल का भाव 10 महीने के ऊपरी स्तर पर पहुंच गया है. मंगलवार को विदेशी बाजार में ब्रेंट क्रूड का भाव 91 डॉलर प्रति बैरल के करीब देखा गया, जो नवंबर 2022 के बाद सबसे ज्यादा है.
सऊदी अरब के फैसले के बाद कच्चे तेल की कीमतों में आई तेजी की वजह से भारत में तेल आयात का खर्च बढ़ गया है. महंगे भाव पर जब कच्चा तेल आयात होगा तो तेल कंपनियों के लिए पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कटौती मुश्किल होगी, उल्टा भाव ज्यादा बढ़ा तो तेल कंपनियों को दाम बढ़ाने पर मजबूर होना पड़ेगा. हालांकि दाम बढ़ाने या घटाने पर कंपनियां तभी फैसला लेंगी जब सरकार उन्हें ऐसा करने को कहेगी.
तेल कंपनियों के लिए सिर्फ महंगा कच्चा तेल ही मुसीबत नहीं है, बल्कि रुपए में आई गिरावट से भी उनके ऊपर बोझ बढ़ गया है. मंगलवार को ही डॉलर का भाव 83 रुपए के पार गया है, ऐसे में तेल कंपनियों को कच्चा तेल आयात करने के लिए ज्यादा खर्च करना पड़ेगा. इस वजह से पेट्रोल-डीजल के सस्ता होने की उम्मीद नहीं लग रही.
ऐसी संभावना जताई जा रही थी कि 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव और अगले साल लोकसभा चुनाव को देखते हुए सरकार तेल कंपनियों को पेट्रोल- डीजल का भाव घटाने के लिए कह सकती है. लेकिन कच्चे तेल का भाव बढ़ने और रुपए में आई गिरावट की वजह से यह संभावना अब लगभग खत्म हो गई है.
सरकार ने पिछले साल मई में पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज में कटौती की थी, उसके बाद दिल्ली में पेट्रोल का भाव घटकर 96.72 रुपए और डीजल का भाव 89.62 रुपए प्रति लीटर पर आ गया था और तब से दिल्ली में भाव इसी स्तर पर है. महाराष्ट्र में जुलाई 2022 के दौरान राज्य सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर वैट घटाया था और उसके बाद मुंबई में पेट्रोल का भाव घटकर 106.31 रुपए तथा डीजल का भाव 94.27 रुपए प्रति लीटर पर आ गया था और तब से लेकर अबतक मुंबई में पेट्रोल-डीजल इसी भाव पर बिक रहे हैं