इस बार त्योहार पर दाल खाना महंगा पड़ने वाला है. त्योहार शुरू होने से ठीक पहले दालों की महंगाई आसमान पर है. अरहर दाल, चना दाल और मूंग दाल की कीमतों में जोरदार उछाल देखा जा रहा है. एक साल पहले के भाव से तुलना करें तो अरहर दाल का भाव 45 फीसद से ज्यादा बढ़ चुका है. उपभोक्ता विभाग के आंकड़े बताते हैं कि सोमवार को दिल्ली में अरहर दाल का औसत भाव 167 रुपए प्रति किलो दर्ज किया गया, जो एक साल पहले 115 रुपए हुआ करता था. इसी तरह एक साल में चना दाल की कीमत 18 फीसद बढ़कर 85 रुपए प्रति किलो और मूंग दाल की कीमत भी 18 फीसद बढ़कर 118 रुपए प्रति किलो हो गई है.
इस साल खरीफ दलहन की खेती पिछले साल के मुकाबले पिछड़ी हुई है, ऊपर से अगस्त के दौरान मानसून की बरसात भी कम रही है. इनस वजहों से दालों का उत्पादन घटने की आशंका जताई जा रही है और इसी आशंका की वजह से कीमतों में तेजी बनी हुई है.
कृषि मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि 8 सितंबर तक खरीफ दलहन का रकबा पिछले साल के मुकाबले 11.26 लाख हेक्टेयर पिछड़ा हुआ है. कुल 119.91 लाख हेक्टेयर में दलहन की खेती दर्ज की गई है जबकि पिछले साल 8 सितंबर तक 131.17 लाख हेक्टेयर में फसल लग चुकी थी. उड़द, अरहर और मूंग सहित सभी खरीफ दलहन की खेती पिछले साल के मुकाबले पिछड़ी हुई है.
दालों की महंगाई को काबू करने के लिए सरकार पिछले कुछ महीनों से कई कदम उठा चुकी है. दालों के आयात की शर्तों में ढील दी गई है, साथ में घरेलू स्तर पर स्टॉक लिमिट भी लगाई गी है. लेकिन इन तमाम कोशिशों के बावजूद दालों की महंगाई घटने के बजाय लगातार बढ़ रही है. सरकार की तरफ से यह भी कहा गया है कि आने वाले दिनों में दालों की सप्लाई को बढ़ाया जाएगा. सोमवार को ही केंद्रीय एजेंसी नैफेड की तरफ से तुअर, चना और मूंग की बिक्री के लिए टेंडर जारी किए हैं. सरकार के पास चने को छोड़ बाकी सबी दलहन का सीमित स्टॉक है, ऐसे में सरकार की तरफ से बाजार में दलहन की सप्लाई बढ़ाए जाने का कितना असर पड़ेगा, यह देखना होगा.