सेबी जल्द ही T+0 सेटलमेंट सिस्टम शुरू करने जा रहा है. SEBI चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच ने एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के कार्यक्रम में बताया कि 28 मार्च तक ऑप्शनल बेसिस पर T+0 सेटलमेंट सिस्टम शुरू किया जाएगा. इस सबंध में तीन महीने पहले सेबी ने कंसल्टेशन पेपर जारी किए और 12 जनवरी तक राय मांगी थी.
क्या है T+0 सेटलमेंट
वर्तमान में शेयर मार्केट में T+1 सेटलमेंट के आधार पर शेयरों का सेटलमेंट होता है. T+1 के तहत ऑर्डर के एग्जीक्यूट होने के 24 घंटे में फंड और सिक्योरिटी आपके अकाउंट में आते हैं. T+0 के तहत शेयर की खरीदारी और बिक्री एक ही दिन में होगी. तीन महीने पहले मार्केट रेगुलेटर ने इसके लिए कंसल्टेशन पेपर इश्यू किए थे और 12 जनवरी तक इसपर लोगों से राय मांगी थी.
दो फेज में लागू होगा T+0 सेटलमेंट
T+0 सेटलमेंट दो फेज में लागू होगा. T+0 सेटलमेंट के पहले फेज में सेम- सेटलमेंट लागू किया जाएगा, जिसके बाद खरीदार को उसी दिन शेयर अलॉटमेंट और बेचने वालों को उसी दिन फंड मिल जाएगा. यानी अगर आप 1:30 बजे तक शेयरों का कारोबार करेंगे तो शाम 4:30 बजे तक उनका सेटलमेंट हो जाएगा. वहीं, दूसरे फेज में 3:30 बजे तक किए गए सभी लेनदेन के लिए एक ऑप्शनल इमीडिएट ट्रेड-बाय-ट्रेड सेटलमेंट की सुविधा दी जाएगी. टॉप 500 कंपनियों से T+0 सेटलमेंट शुरू होगा.
क्या होगा T+0 का फायदा
T+0 सेटलमेंट से निवेशक को शेयर बेचने वाले दिन ही पूरा पैसा मिल सकेगा. इसके अलावा शेयर खरीदने पर उसी दिन आपके अकांउट में शेयर क्रेडिट हो जाएंगे. इसका एक फायदा यह भी होगा कि इससे मार्केट में लिक्विडिटी बढ़ेगी. आपको शेयर प्लेज करने और MTF में फायदा हो सकता है.
ट्रेडिंग सेटलमेंट का इतिहास
भारतीय स्टॉक एक्सचेंज वर्तमान में T+1 को फॉलो करते हैं. यह 2021 में लागू किया गया था. इससे पहले 2003 से 2021 तक T+2 सेटलमेंट फॉलो किया जाता था. 2002 से 2003 सिर्फ एक साल के लिए T+3 सेटलमेंट लागू किया गया था. वहीं 2002 से पहले T+5 सेटलमेंट फॉलो किया जाता था.