रिलायंस ने 999 रुपए वाला 4G जियो भारत फोन लॉन्च कर दिया है. इसके लिए karbonn के साथ साझेदारी की गई है. अब इस साझेदारी में दो और कंपनी Micromax और LAVA जुड़ सकती हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दोनों ही स्वदेशी फोन निर्माता कंपनियां फीचर फोन सेगमेंट में वॉल्यूम बढ़ाना चाहती हैं और वे इस साझेदारी की संभवनाएं तलाश रही हैं.
फीचर फोन बाज़ार पर किन कंपनियों का है दबदबा
काउंटरपॉइंट की रिपोर्ट मुताबिक फीचर फोन बाजार में घरेलू खिलाड़ियों की हिस्सेदारी 38 फीसदी है जबकि स्मार्टफोन सेगमेंट में यह केवल 1 फीसदी है. इसके अनुसार वर्तमान में चीन स्थित ट्रांसन जो आईटेल फोन बनाती है वो फीचर फोन सेगमेंट में 37 फीसदी हिस्सेदारी के साथ मार्केट लीडर है. इसके बाद 27 फीसदी हिस्सेदारी लावा की है और 15 फीसदी फीचर फोन मार्केट पर नोकिया एचएमडी का कब्जा है. सैमसंग जो धीरे-धीरे इस बाजार से बाहर हो रही है, उसकी हिस्सेदारी 10% से कम है. वहीं कार्बन की हिस्सेदारी 5 फीसदी है.
घरेलू कंपनियों का बढ़ेगा बाज़ार
काउंटरपॉइंट के आंकड़े बताते हैं कि देश में कुल 114 करोड़ मोबाइल यूजर्स में से 27 करोड़ से अधिक लोग फीचर फोन इस्तेमाल करते हैं. इनमें 25 करोड़ 2G ग्राहक हैं. जियो की इन्हीं पर नज़र है. ऐसे में अगर अपना आधार खोती जा रहीं स्वदेशी फ़ोन निर्माता कंपनियां जियो के भारत फोन निर्माण के साथ जुड़ेंगी तो इनका भी फ़ायदा होगा. अब माइक्रोमैक्स और लावा के साथ ये डील होगी या नहीं ये भविष्य में पता चलेगा लेकिन फिलहाल जियो और कार्बन के बीच साझेदारी करने के पीछे का एक कारण यूटीएल नियोलिंक्स है. ये दोनों के बीच की कड़ी है. दरअसल कार्बन जैना समूह और यूटीएल के बीच एक ज्वाइंट वेंचर है और यूटीएल जियोफोन नेक्स्ट स्मार्टफोन का निर्माता भी है.