Chat Gpt की छुट्टी करने आ रहा मुकेश अंबानी का 'हनुमान'

भारतजीपीटी ग्रुप में भारत की सबसे मूल्यवान कंपनी और आठ एफिलिएटेड यूनिवर्सिटीज शामिल हैं.

Chat Gpt की छुट्टी करने आ रहा मुकेश अंबानी का 'हनुमान'

देश के दिग्गज बिजनेस मैन मुकेश अंबानी भी अब AI की दौर में शामिल होने जा रहे हैं. रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और भारत के टॉप इंजीनियरिंग स्कूल्स की मदद से मार्च में अपनी पहली चैटजीपीटी-स्टाइल सर्विस ‘हनुमान’ शुरू हो रहा है. अगर यह सर्विस सफल होती है तो एआई के क्षेत्र में देश को नई दिशा दे सकता है. भारतजीपीटी ग्रुप, ने मंगलवार को मुंबई में एक टेक्नोलॉजी कॉन्फ्रेंस के दौरान लार्ज लैंग्वेज मॉडल (एलएलएम) की एक झलक दिखाई.

एलएलएम ऐसे सिस्टम हैं, जो बड़ी मात्रा में डेटा से सीखती हैं और नैचुलर लगाने वाला रिस्पॉन्स देता है. ऐसे मॉडल जेनरेटिव एआई का उपयोग करते हैं, जो एक नए प्रकार का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस है, जो ओपनएआई के चैटजीपीटी की सफलता से लोकप्रिय हुआ है. इसके विडियो में दक्षिणी भारत में एक मोटरसाइकिल मैकेनिक ने तमिल में एआई बॉट से बातचीत की, एक बैंकर ने हिंदी में टूल के साथ बातचीत की, और हैदराबाद में एक डेवलपर ने कंप्यूटर कोड लिखने के लिए इसकी मदद ली.

भारतजीपीटी ग्रुप में कौन-कौन शामिल?

गौरतलब है कि भारतजीपीटी ग्रुप में भारत की सबसे मूल्यवान कंपनी और आठ एफिलिएटेड यूनिवर्सिटीज शामिल हैं. भारतजीपीटी चार मुख्य क्षेत्रों हेल्थ केयर, फाइनेंशियल सर्विसेस, गवर्नेंस और शिक्षा में 11 स्थानीय भाषाओं के माध्यम से काम करने वाले एआई मॉडल को विकसित कर रहा है. इस मॉडल को वायरलेस कैरियर रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड और भारत सरकार की सहायक बॉम्बे समेत आईआईटी यूनिवर्सिटीज के सहयोग से विकसित किया गया है.

एलएलएम की एक अलग स्टाइल

लाइटस्पीड वेंचर पार्टनर्स और अरबपति विनोद खोसला के फंड जैसे स्टार्टअप भी भारत के लिए कस्टमाइज्ड ओपन-सोर्स एआई मॉडल का निर्माण कर रहे हैं. आईआईटी बॉम्बे के कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के अध्यक्ष गणेश रामकृष्णन ने कहा, ‘यह एलएलएम की एक अलग स्टाइल है.’ एनुअल नैसकॉम आईटी इंडस्ट्री कॉन्फ्रेंस के मौके पर एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि हनुमान स्पीच-टू-टेक्स्ट कैपेबिलिटी की भी पेशकश करेगा, जिससे यह काफी हद तक यूजर्स के अनुकूल हो जाएगा. 1.4 अरब की आबादी वाले देश में लाखों लोग पढ़-लिख नहीं सकते. उन्होंने कहा, ‘रिलायंस जियो विशिष्ट उपयोगों के लिए कस्टमाइज्ड मॉडल बनाएगा. टेलीकॉम-टू-रिटेल समूह पहले से ही Jio Brain पर काम कर रहा है, जो लगभग 450 मिलियन ग्राहकों के नेटवर्क पर AI का उपयोग करने के लिए एक प्लेटफॉर्म है.’

Published - February 22, 2024, 06:06 IST